अपमानजनक पोस्ट मामले में राम गोपाल वर्मा को राहत नहीं, कोर्ट ने जमानत याचिका दायर करने का दिया सुझाव

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अमरावती, 18 नवंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट करने के मामले में फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा (आरजीवी) को झटका देते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार को मामला रद्द करने से इंकार कर दिया।

कोर्ट ने सुझाव दिया कि अगर उन्हें (रामगोपाल वर्मा) गिरफ्तारी की आशंका है तो वह जमानत याचिका दायर करें। पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए फिल्म निर्माता द्वारा और समय मांगे जाने पर कोर्ट ने उन्हें पुलिस से अनुरोध करने को कहा।

निर्देशक ने मामले को लेकर कोर्ट से उनके खिलाफ मामला रद्द करने या पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए और समय दिए जाने की अपील की थी। पुलिस ने 13 नवंबर को फिल्म निर्माता को नोटिस जारी किया था और 19 नवंबर को प्रकाशम जिले के मड्डीपाडु पुलिस स्टेशन में जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।

प्रकाशम जिले की पुलिस ने 11 नवंबर को तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) नेता रामलिंगम की शिकायत पर फिल्म निर्माता के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरजीवी (राम गोपाल वर्मा इस नाम से लोकप्रिय हैं) ने पिछले साल के अंत में अपनी फिल्म ‘व्यूहम’ के प्रचार कार्यक्रम के दौरान टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू, उनके बेटे नारा लोकेश, परिवार के अन्य सदस्यों और अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।

उन्होंने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर की थी, जिसे लेकर आरजीवी के खिलाफ मड्डीपाडु पुलिस स्टेशन में बीएनएस अधिनियम की धारा 336 (4) और 353 (2) और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

फिल्म निर्माता ने कथित तौर पर ‘व्यूहम’ की रिलीज के समय नायडू, पवन कल्याण और लोकेश को निशाना बनाते हुए ‘एक्स’ पर छेड़छाड़ की गई तस्वीरें पोस्ट की थी।

2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई मौत और उनके बेटे वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी द्वारा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के गठन की घटनाओं पर बनी यह फिल्म पिछले साल के अंत में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रिलीज हुई थी।