बीजिंग, 24 जून (आईएएनएस) । नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार को रशियन फेडरेशन सिक्योरिटी काउंसिल के उप सचिव अलेक्जेंडर वेनेडिक्तोव से मुलाकात की। यह मुलाकात बीजिंग में शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरीज की 20वीं बैठक में हुई।
चीन में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “रशियन फेडरेशन की सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी सेक्रेटरी अलेक्जेंडर वेनेडिक्तोव ने मंगलवार को बीजिंग में एससीओ सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरीज की 20वीं बैठक के दौरान एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की।”
भारत और रूस के बीच यह उच्च स्तरीय बातचीत एससीओ फ्रेमवर्क के तहत चल रही बहुपक्षीय चर्चाओं के बीच हुई है। इसमें सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद-रोधी मुद्दे एजेंडे में सबसे अहम हैं।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बताया कि एक दिन पहले, एनएसए डोभाल ने बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी।
यह बैठक डोभाल की चीन यात्रा के संदर्भ में हुई, जहां वह एससीओ फोरम में हिस्सा लेने गए थे। यह फोरम प्रमुख यूरेशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को एक मंच पर लाता है।
बैठक के दौरान, डोभाल और वांग दोनों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हाल के घटनाक्रमों की समीक्षा की। इसके साथ ही दो एशियाई शक्तियों के बीच समग्र संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया।
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, “एनएसए ने उल्लेख किया कि वह विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के 24वें दौर के लिए एक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर भारत में वांग यी से मुलाकात करने के लिए उत्सुक हैं।”
भारत ने कथित तौर पर चीन की अध्यक्षता में एससीओ शिखर सम्मेलन में अपनाए जाने वाले दस्तावेजों में से एक में, हाल ही में पहलगाम आतंकवादी हमले के संदर्भ को शामिल करने के लिए दबाव डाला है। यह कदम बहुपक्षीय मंचों के जरिए आतंकवाद से निपटने पर भारत के लगातार जोर देने को दर्शाता है।
एससीओ की स्थापना जून 2001 में शंघाई में हुई थी। यह एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है। यह संगठन मुख्य रूप से सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय संपर्क पर केंद्रित है। इसके सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, ईरान, पाकिस्तान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं।