मुंबई, 22 जनवरी (आईएएनएस)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने बुधवार को ऐलान किया कि एक्सचेंज पर यूनिक इन्वेस्टर्स (यूनिक पैन) की संख्या पहली बार 11 करोड़ को पार कर गई है। इसके साथ ही कुल क्लाइंट अकाउंट की संख्या 21 करोड़ से अधिक हो गई है।
भारत में शेयर बाजार का चलन बढ़ने के कारण बीते कुछ वर्षों में एनएसई पर निवेशकों की संख्या में बड़ा उछाल देखने को मिला है और यह पांच साल में 3.6 गुना हो गई है।
1994 में एनएसई के ऑपरेशन शुरू होने के बाद एक करोड़ यूनिक इन्वेस्टर होने में करीब 14 वर्ष का समय लगा था, लेकिन इसके बाद अगले एक करोड़ नए इन्वेस्टर्स आने में सात वर्ष और अगले एक करोड़ इन्वेस्टर्स और जुड़ने में 3.5 वर्ष और फिर अगले करोड़ इन्वेस्टर्स जुड़ने में एक वर्ष से अधिक का समय लगा था।
एनएसई ने नोट में कहा कि यूनिक इन्वेस्टर्स की संख्या में पिछले कुछ समय में काफी बढ़ोतरी हुई है। 6 से 7 महीने में अतिरिक्त 1 करोड़ निवेशक जुड़े हैं। वहीं, आखिरी एक करोड़ इन्वेस्टर्स पिछले पांच महीने में आए हैं, जो बाजार में बढ़ती इन्वेस्टर्स की भागीदारी को दिखाता है।
एक्सचेंज के मुताबिक, बीते पांच महीनों से प्रतिदिन करीब 47,000 से लेकर 73,000 के बीच में यूनिक इन्वेस्टर्स के पंजीकरण हो रहे हैं। इसका कारण वित्तीय सेवाओं का अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना, डिजिटलाइजेशन बढ़ना और शेयर बाजार का मजबूत प्रदर्शन है।
2024 में निफ्टी 50 इंडेक्स ने 8.8 प्रतिशत का रिटर्न दिया, जबकि निफ्टी 500 इंडेक्स में 15.2 प्रतिशत की बढ़ हुई थी।
भारतीय बाजारों में इन्वेस्टर्स को पिछले नौ लगातार वर्षों से सकारात्मक रिटर्न मिला है।
दिसंबर 2024 को समाप्त होने वाली पांच साल की अवधि में निफ्टी 50 और निफ्टी 500 ने क्रमशः 14.2 प्रतिशत और 17.8 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न दिया है, जिससे निवेशकों का विश्वास और बढ़ा है।
एनएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1 मई, 2014 को 73.5 लाख करोड़ रुपये से लगभग 6 गुना बढ़कर अब 425 लाख करोड़ रुपये हो गया है।