वियना, 22 नवंबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख ने कहा है कि जापोरीज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (जेडएनपीपी) की परमाणु सुरक्षा “खतरे में है”।
आईएईए के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में संयंत्र का एकमात्र 750 किलोवोल्ट (केवी) विद्युत लाइन से दो बार संपर्क टूट गया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने गुरुवार को आईएईए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की तिमाही बैठक में स्पष्ट किया कि जेडएनपीपी से लगभग 17 किलोमीटर दूर अज्ञात कारणों से पहला कनेक्शन पिछले शनिवार 30 घंटे तक चला। ये स्थिति तब तक बनी रही जब तक कि रविवार दोपहर के आसपास इसकी मरम्मत करके इसे बहाल नहीं कर दिया गया।
प्लांट का गुरुवार सुबह फिर से कनेक्शन टूट गया।
ग्रॉसी ने कहा कि जेडएनपीपी को रिएक्टर कूलिंग और अन्य प्रमुख परमाणु सुरक्षा कार्यों के लिए आवश्यक बिजली के लिए “अपनी एकमात्र 330 केवी बैकअप पावर लाइन” पर निर्भर रहना पड़ा।
आईएईए के एक बयान के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले प्लांट के पास चार 750 केवी और छह 330 केवी लाइनें उपलब्ध थीं।
सितंबर माह में भी आईएईए की बैठक में सख्त निर्देश दिए गए थे। रूस-यूक्रेन जंग के बीच इस संयंत्र के एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ था। रूस और यूक्रेन ने इस घटना के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया था। रूस ने यूक्रेन पर ड्रोन हमले का आरोप लगाया था, जबकि यूक्रेन ने कहा था कि रूस की लापरवाही या आगजनी इसका कारण रही।
तब आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने जेडएनपीपी के अपने दौरे के बाद एक बयान में कहा था, “हम इस मामले की बारीकी से जांच करते रहेंगे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या हुआ था और इसके क्या परिणाम होंगे।”
उन्होंने जेडएनपीपी का दौरा करने के दौरान 11 अगस्त को आग से क्षतिग्रस्त हुए कूलिंग टावर का भी निरीक्षण किया था।
यूक्रेन स्थित जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र को 2022 में ही बंद कर दिया गया था। यह संयंत्र रूस के कब्जे में है। इसे यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र माना जाता है।