भुवनेश्वर, 13 मई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेताओं ने सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) पर हमला तेज करते हुए स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या से लेकर चुनाव में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के डीपफेक वीडियो के कथित इस्तेमाल जैसे मुद्दों को लेकर सोमवार को बीजेडी पर निशाना साधा।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और केंद्रपाड़ा से लोकसभा उम्मीदवार बैजयंत पांडा ने बीजद नेता वी.के. पांडियन पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पटनायक को अपने “कब्जे” में कर लिया गया है और उन्हें एक व्यक्ति द्वारा कठपुतली के रूप में नियंत्रित किया जा रहा है।
पांडा ने दावा किया कि ओडिया अस्मिता (ओडिशा की आत्म-पहचान) पर हमला हो रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री पटनायक पर “कब्जा” कर लिया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हाल की अवधि के दौरान जारी किए गए “नवीन बाबू” के अधिकांश वीडियो वास्तविक नहीं हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के उपयोग से मुख्यमंत्री के “डीपफेक वीडियो” तैयार किए जा रहे हैं।
पांडा ने कहा, “जिन लोगों ने सीएम पटनायक को अपने कब्जे में ले लिया है और उन्हें कठपुतली के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। वे उनकी आवाज और छवि का उपयोग करके नकली वीडियो जारी कर रहे हैं। हम वीडियो की जांच कर रहे हैं और तकनीकी रिपोर्ट हासिल करेंगे। हम इस संबंध में उचित समय पर उचित कार्रवाई करेंगे।”
बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रताप चंद्र सारंगी ने प्रेस वार्ता के दौरान सत्तापक्ष पर निशाना साधा और स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या का मामला भी उठाया। उन्होंने साल 2008 में विहिप से जुड़े संत की नृशंस हत्या के लिए बीजद सरकार को जिम्मेदार ठहराया और ओडिशा के मतदाताओं से बीजद सरकार को उखाड़ फेंकने का आग्रह किया।
भुवनेश्वर से पार्टी की सांसद उम्मीदवार अपराजिता सारंगी ने श्री जगन्नाथ परिक्रमा प्रकल्प की योजना तैयार करने के लिए बिना किसी पूर्व विशेषज्ञता के दक्षिण भारतीय वास्तुशिल्प फर्म भूमिपुत्र को जिम्मेदारी देने के लिए राज्य सरकार और सना बाबू (बीजद नेता वी.के. पांडियन) से सवाल किया।
उन्होंने बीजेडी से पूछा कि श्री जगन्नाथ परिक्रमा प्रकल्प के लिए ध्वस्त किए गए एमार मठ और अन्य मठों को सरकार के वादे के अनुसार फिर से कब विकसित किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सत्तारूढ़ बीजद सरकार पर पेयजल, स्वास्थ्य, सिंचाई और शिक्षा के क्षेत्रों में विफल रहने का आरोप लगाया।
राज्य की चार संसदीय सीटों के लिए मतदान जारी है।
ओडिशा में 13 मई से 1 जून तक चार चरणों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होंगे। लोकसभा और विधानसभा दोनों के लिए मतदान के नतीजे 4 जून को आएंगे।