नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) अब मजबूत और प्रतिस्पर्धी बन चुके हैं और देश की आर्थिक तरक्की में निजी और विदेशी बैंकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एमएसएमई बैंकिंग एक्सीलेंस अवॉर्ड्स कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को समय पर और पर्याप्त कर्ज देने में बहुत अहम भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में एमएसएमई को मिलने वाला कर्ज हर साल औसतन 14 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, साथ ही कहा कि भारत द्वारा विभिन्न देशों के साथ किए गए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से एमएसएमई क्षेत्र को बड़ा फायदा होगा।
मंत्री ने सभी संबंधित लोगों से कहा कि वे मिलकर एफटीए से मिलने वाले मौकों का पूरा फायदा उठाएं और दो देशों के बीच व्यापार को दोगुना, तिगुना और चौगुना करने का लक्ष्य रखें।
कर्ज को आसान बनाने के लिए सरकार की कई योजनाओं का जिक्र करते हुए मंत्री ने मुद्रा लोन योजना (पीएमएमवाई) की बात की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लगभग 70 प्रतिशत लोन महिलाओं को मिले और इसमें किसी गारंटी की जरूरत नहीं थी।
उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना का भी जिक्र किया, जिसमें पहले 10,000 रुपए का लोन दिया गया, वहीं बाद में सही से किस्त चुकाने पर यह राशि 20,000 रुपए और 50,000 रुपए तक बढ़ाई गई। इससे छोटे दुकानदार और रेहड़ी-पटरी वालों को साहूकारों से कर्ज लेने से बचने में मदद मिली।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत को 2047 तक 30–35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर माना जा रहा है, जो कि भारत के लिए आठ गुना विकास का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि पिछले साल बैंकों ने लगभग 3 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया। इससे यह साबित होता है कि बैंक ईमानदार लोगों को कर्ज देने में सक्षम हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के समय सरकार ने एमएसएमई लोन की गारंटी खुद ली, जिससे बिना किसी अतिरिक्त गारंटी के कर्ज मिल सका।
उन्होंने बैंकों से उदारतापूर्वक और जिम्मेदारी से कर्ज देने, लोन मंजूरी की प्रक्रिया तेज और साफ रखने, एमएसएमई को पूंजी और सही मार्गदर्शन देने का आग्रह किया, ताकि वे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।

