‘प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी’ बदलाव के एक बड़े एजेंट के रूप में कर रही काम : एसबीआई रिपोर्ट

0
7

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) और पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत 25 अगस्त तक कम से कम 1.2 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है। एसबीआई की बुधवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, यह योजना एक परिवर्तनकारी कारक के रूप में काम कर रही है, जो धन-संपत्ति पर स्पष्ट प्रभाव, वित्तीय स्थिरता और कल्याण के साथ विवेकाधीन और गैर-विवेकाधीन खर्च को बढ़ाने में कैटेलिस्ट बन रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, सभी स्वीकृत घरों में से 75 प्रतिशत घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष ने कहा, “जहां अधिकांश राज्यों की प्रगति दर 75 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहीं कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां प्रगति 60 प्रतिशत से कम है, जिनमें आंध्र प्रदेश, बिहार और हरियाणा का नाम शामिल है।”

पीएमएवाई-यू 2.0 की शुरुआत 1 सितंबर, 2024 को 1 करोड़ पात्र शहरी परिवारों को केंद्रीय सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शहरी भारत के नागरिक बेहतर जीवन स्तर का आनंद उठा सकें।

ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी कैटेगरी के पात्र परिवार, जो शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और जिनके पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है, पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत घर खरीद या निर्माण कर सकते हैं।

नॉर्मलाइज्ड शैनन एन्ट्रापी स्कोर 0.84 है, जो पीएमएवाई के तहत आवास निर्माण में स्थानिक समानता को दर्शाता है। इससे पता चलता है कि आवास लाभ व्यापक रूप से राज्यों में वितरित किए जाते हैं, यहां तक कि निम्न-आय वाले राज्य भी पूरी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू खर्च पर प्रभाव गैर-विवेकाधीन/डेबिट कार्ड और विवेकाधीन खर्च/यूपीआई लेनदेन दोनों के लिए सकारात्मक है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “सबसे कम खर्चिले परिवारों के लिए डेबिट कार्ड से खर्च में वृद्धि इस बात का संकेत है कि सब्सिडी वाले आवास ऋणों तक पहुंच उन्हें अधिक वित्तीय स्वतंत्रता और फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करती है। हालांकि ऋण का एक हिस्सा निर्माण कार्यों में खर्च होता है, लेकिन इन परिवारों को एक अनुमानित धन प्रभाव का अनुभव होता है।”

खर्च के मामले में 25 प्रतिशत सबसे कम खर्चिले परिवार अपने खर्च को डेबिट कार्ड जैसे पारंपरिक स्रोतों से पूरा करते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त के वितरण के बाद विवेकाधीन घरेलू खर्च का प्रभाव महिला उधारकर्ताओं पर अधिक स्पष्ट है। सभी आयु वर्गों और शहरी व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में यूपीआई खर्च में वृद्धि दर्ज की गई है।