लुधियाना, 13 मई (आईएएनएस)। पंजाब सरकार पंजाबी कवि, लेखक और पद्मश्री से सम्मानित सुरजीत पातर की याद में ‘पातर पुरस्कार’ शुरू करेगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यहां सोमवार को दिवंगत पातर के अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद यह
घोषणा की।
पातर का लुधियाना में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
पातर की अंतिम यात्रा उनके घर से मॉडल टाउन स्थित श्मशान घाट तक निकाली गई। सीएम मान भी वहां पहुंचे और अर्थी को कंधा दिया। उन्होंने पातर के परिवार से भी मुलाकात की और संवेदनाएं साझा कीं। अर्थी को कंधा देते वक्त वह भावुक हो गए।
इस मौके पर आप सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल भी मौजूद रहे।
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ‘पातर पुरस्कार’ की राशि 1 लाख रुपये होगी और यह हर साल उभरते कवियों में से किसी एक को दिया जाएगा। यह पुरस्कार आठवीं कक्षा से स्नातक स्तर तक के छात्रों के लिए होगा।
‘पातर पुरस्कार’ के लिए एक पैनल बनाया जाएगा, जिसमें साहित्यकार शामिल होंगे और उभरते हुए कवि पुरस्कार जीतने की प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे।
साथ ही स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुरस्कार का उद्देश्य युवाओं को सुरजीत पातर की रचनाओं को पढ़ने, साहित्य में रुचि लेने और उनके (पातर) जैसे लेखक और कवि बनने के लिए प्रेरित करना है।
उन्होंने कहा कि पातर कहते थे कि पंजाबी भाषा कृत्रिम बुद्धिमत्ता का हिस्सा नहीं है। “हम अपनी मातृभाषा को हर क्षेत्र में आगे ले जाने की पूरी कोशिश करेंगे।”