आरबीआई ने खुदरा और एमएसएमई लोन के लिए फैक्ट स्टेटमेंट अनिवार्य किया

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मुंबई, 8 फरवरी (आईएएनएस)। आरबीआई ने गुरुवार को घोषणा की कि एनबीएफसी जैसी विनियमित संस्थाओं के लिए सभी खुदरा और एमएसएमई ऋणों के लिए उधारकर्ताओं को एक सरल प्रारूप में ‘मुख्य तथ्य विवरण’ (केएफएस) प्रदान करना अनिवार्य होगा।

आरबीआई ने कहा, इससे सभी समावेशी ब्याज लागत सहित ऋण समझौते की शर्तों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी, जिससे लोन लेने वालों को सही निर्णय लेने में काफी फायदा होगा।

रिज़र्व बैंक ने ग्राहकों पर लगाए गए ऋण और अन्य शुल्कों के मूल्य निर्धारण में विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा अधिक पारदर्शिता और प्रकटीकरण को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में कई उपायों की घोषणा की है। ऐसा ही एक उपाय है कि ऋणदाताओं को अपने उधारकर्ताओं को एक मुख्य तथ्य विवरण (केएफएस) प्रदान करना होगा जिसमें ऋण समझौते के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी होगी, जिसमें ऋण की सभी लागत भी शामिल होगी, जो सरल हो और समझने में आसान हो।

वर्तमान में केएफएस को कमर्शियल बैंकों द्वारा हर तरह के लोन लेने वालों को दिए गए लोन के संबंध में विशेष रूप से अनिवार्य किया गया है।