मुंबई, 4 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए डेटा में बताया गया कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 700 अरब डॉलर को पार कर गया है।
केंद्रीय बैंक ने बताया कि 27 जून को समाप्त हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.8 अरब डॉलर बढ़कर 702.78 अरब डॉलर हो गया है, जो कि इससे पिछले सप्ताह 697.93 अरब डॉलर था।
नौ महीनों में यह पहली बार है जब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर गया है। पिछली बार सितंबर 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो कि अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है।
ताजा वृद्धि मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में तेज बढ़ोतरी के कारण हुई, जो 5.75 अरब डॉलर बढ़कर 594.82 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा हैं और इसमें यूरो, पाउंड और येन जैसी प्रमुख मुद्राएं शामिल होती हैं।
हालांकि, सप्ताह के दौरान सोने के भंडार का मूल्य 84.5 अरब डॉलर रहा। वहीं, देश के विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 15.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.83 अरब डॉलर हो गया।
आरबीआई रुपए के मूल्य में स्थिरता बनाए रखने और अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार का सक्रिय रूप से प्रबंधन करता है।
हालांकि, इसका उद्देश्य किसी निश्चित विनिमय दर को बनाए नहीं है, लेकिन अत्यधिक अस्थिरता को रोकने के लिए यह आवश्यक होने पर हस्तक्षेप करता है।
यह आमतौर पर तरलता प्रबंधन के माध्यम से किया जाता है, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर अमेरिकी डॉलर की बिक्री भी शामिल है।
इसके अतिरिक्त, आरबीआई द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, विदेश में काम कर रहे भारतीयों द्वारा देश में भेजे गए धन में वित्त वर्ष 2024-25 में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और यह रिकॉर्ड 135.46 अरब डॉलर रहा है।