रूस ने यूक्रेन पर पहली बैलिस्टिक मिसाइल के किया हमला

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कीव, 21 नवंबर (आईएएनएस)। यूक्रेन की वायु सेना ने दावा किया है कि रूस ने गुरुवार सुबह उसके खिलाफ पहली बार अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) से हमला किया। यह हमला यूक्रेन के निप्रो शहर पर किया गया था।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, यूक्रेन की वायुसेना ने टेलीग्राम पर बताया कि आईसीबीएम रूस के अस्त्राखन क्षेत्र से दागी गई थी। हालांकि इसमें मिसाइल के प्रकार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

इस हमले में आठ अन्य मिसाइलें भी शामिल थीं। वायु सेना ने कहा कि देश की वायु रक्षा प्रणाली ने रूस की छह क्रूज मिसाइलों को मार गिराया, जबकि शेष मिसाइलों से कोई खास नुकसान नहीं हुआ।

क्षेत्रीय गवर्नर सर्जी लिसाक ने कहा कि द्निप्रो पर बड़े पैमाने पर हमले से एक औद्योगिक इकाई को नुकसान पहुंचा और शहर में दो स्थानों पर आग लग गई।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस हमले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। साथ ही उन्होंने इस मामले पर सारे प्रश्न रक्षा मंत्रालय से पूछने को कहा।

इससे पहले रूस ने यूक्रेन को परमाणु हमले की धमकी दी थी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा था कि मॉस्को के संशोधित परमाणु सिद्धांत में इस बात की संभावना शामिल है कि यदि कीव रूस के खिलाफ पश्चिमी मिसाइलों का उपयोग करता है तो मॉस्को की तरफ से परमाणु हमला हो सकता है।

पेस्कोव ने मंगलवार को कहा था, “यदि संप्रभुता या क्षेत्रीय अखंडता के लिए गंभीर खतरा पैदा होता है या रूस और बेलारूस गणराज्य के खिलाफ आक्रमण की स्थिति में रूसी संघ को पारंपरिक हथियारों के साथ परमाणु हथियारों का उपयोग करने का अधिकार है।”

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को रूस के संशोधित परमाणु सिद्धांत को मंजूरी देने वाले आदेश पर हस्ताक्षर किए।

पेस्कोव ने आगे कहा था कि यूक्रेन द्वारा पश्चिमी गैर-परमाणु मिसाइलों के इस्तेमाल को, एक ऐसे हमले के रूप में देखा जाएगा जो एक परमाणु शक्ति संपन्न देश के समर्थन से एक गैर-परमाणु शक्ति वाला देश करेगा। यह स्थिति संभवतः मास्को द्वारा परमाणु हथियारों के उपयोग को उचित ठहराने वाली होगी।

प्रवक्ता ने यह भी कहा था कि रूस के संशोधित परमाणु सिद्धांत में यह रेखांकित किया गया है कि “किसी परमाणु शक्ति संपन्न देश की भागीदारी या समर्थन से किसी भी गैर-परमाणु शक्ति वाले देश द्वारा रूस के विरुद्ध आक्रमण” को एक संयुक्त हमला माना जाएगा।