रूसी तेल प्रतिबंधों के बावजूद पहुंच रहा ब्रिटेन

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लंदन, 14 मई (आईएएनएस/डीपीए)। रूसी तेल प्रतिबंधों के बावजूद अभी भी यूनाइटेड किंगडम में पहुंच रहा है। एक ट्रेजरी कमेटी ने यह खुलासा किया।

ब्रिटेन में रूसी तेल और तेल उत्पादों के आयात, अधिग्रहण और आपूर्ति पर दिसंबर 2022 में प्रतिबंध लगा दिया गया था। जी7 देशों ने रूसी तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत को सीमित करने पर भी सहमति जताई, ताकि यूक्रेन में युद्ध को वित्तपोषित करने की व्लादिमीर पुतिन की क्षमता कम की जा सके।

वैश्विक ऊर्जा बाजारों पर केंद्रित एक शोध कंपनी एनर्जी एस्पेक्ट्स में भू-राजनीति प्रभाग के प्रमुख रिचर्ड ब्रॉन्‍ज ने मंगलवार को ट्रेजरी कमेटी को प्रतिबंधों के बारे में सबूत दिए।

उनसे पूछा गया कि क्या प्रतिबंधों के बावजूद रूसी तेल अभी भी ब्रिटेन में पहुंच रहा है, तब उन्होंने कहा, “इसे रिफाइनरी द्वारा संसाधित या परिवर्तित कर दिया गया है। ये रिफाइनरियां, विशेष रूप से भारत में ब्रिटेन के बाजारों से काफी दूरी पर हैं।”

उन्‍होंने कहा, “केवल आर्थिक दृष्टिकोण से हम यूरोपीय देशों से कहीं अधिक तेल आयात करते हैं, अमेरिका से कहीं अधिक, इसलिए इसका अधिकांश हिस्सा अन्य गंतव्यों में जाएगा।”

रिचर्ड ब्रॉन्‍ज ने कहा, “यह शायद हमारे कुल आयात के 5 फीसदी से काफी कम होगा और इसे रोकना तकनीकी रूप से काफी जटिल होगा।”

उन्होंने कहा कि उनका संगठन नीतिगत पद नहीं लेता है, इसलिए वह कुछ भी सिफारिश नहीं कर सकते।

रिचर्ड ब्रॉन्‍ज ने कहा, “लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी रिफाइनरियां हैं जो कच्चे तेल का आयात कर रही हैं, इसका प्रसंस्करण कर रही हैं और क्या वही रिफाइनरियां उन देशों को निर्यात कर रही हैं जो मूल्य सीमा गठबंधन का हिस्सा हैं – हां, ऐसा प्रतीत होता है।”

उन्होंने कहा कि यह कहना “पेचीदा” होगा कि क्या रूसी तेल के “अणु” परिष्कृत होने के बाद भी वैसे ही रहते हैं।

रिचर्ड ब्रॉन्‍ज ने कहा, “यह कहना मुश्किल है कि रूसी तेल के अणु वही हैं जो एक बार संसाधित होने के बाद टैंकरों पर लादे जाते हैं और वापस आ जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि यदि अणुओं को परिष्कृत या संसाधित किया जाता है, तो उस प्रवाह को नियमों के तहत अनुमति दी जाती है, क्योंकि वे यूके और अन्य जी 7 देशों द्वारा निर्धारित किए गए हैं।

–आईएएनएस/डीपीए

एसजीके/