‘बलि का बकरा’: वकालत समूहों ने कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर सीमा की निंदा की

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नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। कनाडा में प्रवासी और छात्र वकालत समूहों ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए नए अध्ययन परमिट पर दो साल की सीमा की आलोचना करते हुए कहा है कि देश के गंभीर आवास संकट के लिए अप्रवासियों को “बलि का बकरा” बनाया जा रहा है।

आव्रजन मंत्री मार्क मिलर द्वारा सोमवार को घोषित सीमा से इस वर्ष लगभग 3,60,000 स्वीकृत अध्ययन परमिट मिलने की उम्मीद है – जो 2023 के मुकाबले 35 प्रतिशत कम है।

कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या 10 लाख का आंकड़ा पार कर गई है, जो 10 साल पहले की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। इससे कथित तौर पर आवास की कमी, उच्च किराये और देश भर में रहने की लागत में वृद्धि हुई है।

कनाडा स्थित वकालत समूह माइग्रेंट वर्कर्स अलायंस के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और प्रवासियों को “अधिकारों की आवश्यकता है, सीमाओं की नहीं”।

माइग्रेंट वर्कर्स एलायंस फॉर चेंज के सारोम रो ने कहा, “कनाडा में हम सभी को कीमतों में बढ़ोतरी, सरकारी नीति की विफलताओं और अंधाधुंध मुनाफाखोरी के कारण भारी बिल और अत्यधिक किराए का सामना करना पड़ रहा है। और फिर भी अप्रवासियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “कोविड-19 के दौरान सीमा बंद होने पर भी आवास की कीमतें बढ़ गईं। आप्रवासन को सीमित करना कोई समाधान नहीं है, कीमतें ऊंची रहेंगी हीं। आज की सभी घोषणाएं नस्लवादी विचारों को बढ़ावा देती हैं और कामकाजी वर्ग के लोगों तथा उनके परिवारों को चोट पहुंचाती हैं।”

स्टैटस्कैन के अनुसार, दिसंबर, 2023 में देश भर में किराया 7.7 प्रतिशत बढ़ा।

सीमा पर चिंता व्यक्त करते हुए, यूनिवर्सिटीज़ कनाडा ने एक बयान में कहा कि नई प्रक्रिया का मतलब यह हो सकता है कि भावी छात्र उच्च शिक्षा के लिए अन्य देशों को चुनेंगे।

समूह ने ग्लोबल न्यूज़ पर प्रकाशित एक बयान में कहा, “हमें चिंता है कि प्रति प्रांत सीमा तय करने से पहले से ही तनावग्रस्त प्रणाली पर तनाव बढ़ेगा और जब तक अधिक जानकारी नहीं दी जाती कि प्रत्येक प्रांत इस नए कार्यक्रम को कैसे लागू करेगा, कनाडा के विश्वविद्यालयों पर इसके प्रभाव पर टिप्पणी करना मुश्किल है।”

मंत्री ने आगे कहा कि सितंबर से, कनाडा अब पाठ्यक्रम लाइसेंसिंग व्यवस्था के तहत पढ़ने वाले छात्रों को स्नातकोत्तर कार्य परमिट (पीजीडब्ल्यूपी) जारी नहीं करेगा। ये कार्यक्रम निरीक्षण की कमी के लिए कुख्यात हैं और वैसी गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक अनुभव प्रदान नहीं करते हैं जिसके लिए कनाडा प्रसिद्ध है।

माइग्रेंट वर्कर्स अलायंस फॉर चेंज ने एक बयान में कहा, “यह ऐसे अमीर संस्थानों के बड़े पैमाने पर विस्तार की विफलताओं को ठीक नहीं करता है, जहां भर्तीकर्ता कमजोर छात्रों को छाँटना जारी रखेंगे। एक एकल प्रणाली होनी चाहिए जिसमें अध्ययन परमिट के लिए पात्र स्कूल स्नातकोत्तर वर्क परमिट के लिए भी पात्र हों। यदि स्कूल पोस्ट-ग्रेजुएट वर्क परमिट के लिए पात्र नहीं है, तो इसे बस बंद कर दिया जाना चाहिए।”

पीजीडब्ल्यूपी किसी को कनाडा में रहने और कम से कम आठ महीने की अवधि का प्रमाणपत्र, डिप्लोमा या डिग्री कार्यक्रम पूरा करने पर पूर्णकालिक काम करने की अनुमति देता है।

आठ महीने से तीन साल के बीच वैध, वे धारक को कनाडा में कहीं भी, किसी भी नियोक्ता के लिए, जितने चाहें उतने घंटे काम करने की अनुमति देते हैं।

दो साल की सीमा के अलावा, मिलर ने यह भी घोषणा की कि आने वाले सप्ताह में उन अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के परिवारों पर देश में प्रतिबंध लगा दिया जाएगा जो स्नातक स्तर की पढ़ाई नहीं कर रहे हैं।

रो ने कहा, “यह क्रूर सामूहिक पारिवारिक अलगाव है। इसे उलटना चाहिए।”

कनाडाई आव्रजन सलाहकार स्टीवन मेयरेंस ने कहा कि देश अब ब्रिटेन की तरह मास्टर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों के अलावा, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के जीवनसाथियों को वर्क परमिट जारी नहीं करेगा।

लॉ फर्म लार्ली रोसेनबर्ग से जुड़े मेयरेंस ने कहा, हालांकि अभी तक आने वाले या प्रसंस्करण में आने वाले अनुमोदित अध्ययन परमिट आवेदकों पर प्रभाव के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है, आने वाले हफ्तों में और अधिक बदलाव की उम्मीद है।

कनाडा की अधिकांश जनसंख्या वृद्धि विदेशी छात्रों, गैर-स्थायी निवासियों और अस्थायी विदेशी श्रमिकों के कारण है।

अंतर्राष्ट्रीय छात्र कनाडा की अर्थव्यवस्था में सालाना लगभग 22 अरब कनाडाई डॉलर (लगभग 16.4 अरब अमेरिकी डॉलर) का योगदान देते हैं।

देश के 2022 के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी छात्रों का एक बड़ा हिस्सा – लगभग 40 प्रतिशत – भारत से था। इसके बाद लगभग 12 प्रतिशत चीन से था।

उत्तरी अमेरिकी राष्ट्र ने 1 अक्टूबर 2023 तक 12 महीने की अवधि में 4.54,590 नए स्थायी निवासियों को स्वीकार किया, जबकि रिकॉर्ड 8,04,690 गैर-स्थायी निवासी देश में आये जिसमें अस्थायी कर्मचारी, विदेशी छात्र और शरणार्थी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने वृद्ध श्रमिकों को बदलने और श्रम अंतराल को भरने के लिए अप्रवासियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए।

मॉन्ट्रियल स्थित डेसजार्डिन्स सिक्योरिटीज की भविष्यवाणियों के अनुसार, कनाडा में अस्थायी श्रमिकों और विदेशी छात्रों के लिए दरवाजे बंद करने से देश की आर्थिक सुधार सुस्त पड़ जाएगी और मंदी और गहरा जाएगी।

–आईएएनएस

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