टीएमसी का आरोप, कहा- एसआईआर के जरिए एनआरसी लागू करने की कोशिश

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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता डॉ. शशि पांजा ने सोमवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की आलोचना करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित कदम और ‘एनआरसी के लिए पिछले दरवाजे से प्रवेश’ बताया।

उन्होंने भाजपा पर गलत सूचना फैलाने और भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया।

पांजा ने आईएएनएस से कहा, “भाजपा झूठ फैलाने की कोशिश कर रही है। तृणमूल ने कभी नहीं कहा कि मृत मतदाताओं के नाम सूची में बने रहने चाहिए। इसके पीछे क्या खास वजह है, जो हमें नहीं पता। इस अनावश्यक जल्दबाजी के कारण हम एसआईआर के खिलाफ हैं। हम चुनाव आयोग से सवाल पूछते हैं, लेकिन जवाब भाजपा ही देती है। अगर 2024 की मतदाता सूची सही थी, तो अब यह बदलाव क्यों? एसआईआर कुछ और नहीं बल्कि एनआरसी के लिए पिछले दरवाजे से प्रवेश है।”

मंत्री ने कहा, “हमने एसआईआर का विरोध इसलिए किया क्योंकि हम सवाल उठा रहे थे कि इसे इतनी जल्दी क्यों लागू किया जा रहा है, न कि उचित समय और तैयारी के साथ। एसआईआर को तीन महीने के भीतर पूरा करने की इतनी जल्दी क्यों? यह हाल ही में बिहार में किया गया था। मान लीजिए कि वे बाद में इसमें कुछ बदलाव करते हैं, तो समय सीमा का क्या होगा? हमने इस बारे में चुनाव आयोग से सवाल किया, लेकिन भाजपा ने इस पर कोई प्रतिक्रिया क्यों दी?”

पांजा ने तर्क दिया कि यदि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान इस्तेमाल मतदाता सूची पश्चिम बंगाल सहित पूरे भारत में मान्य और विश्वसनीय मानी जाती है, तो इतनी जल्दी नया संशोधन करने का कोई औचित्य नहीं है।

उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग से हमारा मुख्य प्रश्न सरल था। यदि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए इस्तेमाल की गई मतदाता सूची बंगाल सहित पूरे भारत में सटीक और मान्य मानी जाती है, तो 2026 में बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए उसी मतदाता सूची का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता?”

इस बीच, पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने घोषणा की है कि वह एसआईआर की अधिसूचना जारी होने के तुरंत बाद दो-स्तरीय दैनिक चुनावी प्रशासन प्रणाली लागू करेगा।

अतिरिक्त सीईओ स्तर का एक अधिकारी जिलाधिकारियों के साथ दैनिक प्रगति की समीक्षा करेगा, जबकि संयुक्त सीईओ स्तर के अधिकारी जिलों में इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) के साथ समन्वय करेंगे।

चुनाव आयोग का कहना है कि एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करना है।