कर्नाटक के गृह मंत्री की हेगड़े को चेतावनी, अपमानजनक टिप्पणयाँ बंद करें या पुलिस कार्रवाई का सामना करें

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बेंगलुरु, 18 जनवरी (आईएएनएस)। कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने गुरुवार को कारवार से भाजपा सांसद अनंतकुमार हेगड़े को चेतावनी दी कि वह अपमानजनक टिप्पणियाँ करनी बंद करें, अन्यथा उन्हें पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ बार-बार की गई ”अपमानजनक” टिप्पणियों के लिए हेगड़े के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग पर संवाददाताओं से बात करते हुए परमेश्वर ने कहा, यह पुलिस की कमजोरी नहीं है कि उन्होंने अब तक कार्रवाई शुरू नहीं की है।

परमेश्वर ने कहा, “हमें हेगड़े के साथ धैर्य से काम लेना होगा क्योंकि वह पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं। वर्तमान में, वह एक सांसद हैं और उन्हें समझदारी से बात करनी चाहिए।”

हेगड़े ने बेलगावी में सिद्दारमैया पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा था, “जो लोग अपने माता-पिता के बारे में नहीं जानते वे खुद के धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते हैं।”

उन्होंने कहा था, “मंत्रक्षते (पवित्र चावल) घरों तक पहुंच गए हैं, 500 साल बाद हमारी जीत हुई है। राम मंदिर उद्योगपतियों द्वारा नहीं बनाया गया है, इसके लिए ईंटें गांवों से भेजी गई हैं।

“सरकार ने सौराष्ट्र में सोमनाथ मंदिर का निर्माण कराया था। राम मंदिर सरकार द्वारा नहीं बनाया गया है, यह हिंदुओं द्वारा बनाया गया है।”

राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ में शामिल नहीं होने और उसके बाद अयोध्या जाने की सिद्दारमैया की टिप्पणी पर हेगड़े ने कहा, “आप (सिद्दारमैया) आना या न आना चुन सकते हैं, राम मंदिर का उद्घाटन नहीं रुकेगा, ‘मगाने’ (बेटा)।”

हेगड़े की आलोचना का जवाब देते हुए, सिद्दारमैया ने कहा था: “पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद के रूप में हेगड़े का योगदान शून्य है। वह तीन साल से फरार थे और वह इस तरह के बयान जारी करके ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। संस्कृति का मतलब मानवता है। मानवता होनी चाहिए।”

सिद्दारमैया के खिलाफ अपने अपमानजनक बयान का बचाव करते हुए हेगड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री को शालीनता और संस्कृति के मामलों पर खुली सार्वजनिक बहस कर सकते हैं।

हेगड़े ने कहा, “यह स्वाभाविक है कि पार्टी के नेता मेरे बयान का समर्थन नहीं करेंगे। मेरी टिप्पणी व्यक्तिगत थी। शालीनता के मामले में सिद्दारमैया को मेरे साथ खुली बहस में भाग लेना चाहिए और लोगों को इसे देखना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “आखिरी बार उन्होंने शालीनता के साथ कब बात की थी? उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के खिलाफ अभद्र भाषा में बात की थी। सीएम सिद्दारमैया ने भी मंदिरों और हिंदुत्व के खिलाफ अस्वीकार्य तरीके से बात की थी। प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी करते समय कांग्रेस नेताओं ने शालीनता और संस्कृति की हदें पार कर दी हैं।”

–आईएएनएस

एकेजे/