नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। वैज्ञानिकों ने हाल में किए एक शोध में कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार एसएआरएस-सीओवी-2 वायरस में एक उत्परिवर्तन पाया है। इससे मस्तिष्क के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में संक्रमण पैदा हो सकता है।
वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस शोध से “लॉन्ग कोविड” की पहेली की गुत्थी सुलझ सकती है साथ ही इसके न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के बारे में भी पता चल सकता है। यह शोध भविष्य में मस्तिष्क को वायरस से बचाने के लिए कारगर साबित हो सकता है।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी और शिकागो के इलिनोइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक संयुक्त अध्ययन किया है। जिसे नेचर माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित किया गया। इस शोध में एसएआरएस-सीओवी-2 स्पाइक प्रोटीन में कई परिवर्तन सामने आए हैं।
आगे शोधकर्ताओं ने वायरस के जीनोम को डिकोड करने के लिए चूहों को एसएआरएस-सीओवी-2 से संक्रमित किया।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन (संक्रामक रोग) और माइक्रोबायोलॉजी-इम्यूनोलॉजी के सहायक प्रोफेसर जुड हल्टक्विस्ट ने कहा कि वायरस को फेफड़े से मस्तिष्क तक पहुंचने के लिए स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन की आवश्यकता होती है। ज्ञात है कि यह किस प्रकार वायरस को विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं में प्रवेश कराता है। हमें लगता है कि स्पाइक का यह क्षेत्र इस बात का एक महत्वपूर्ण नियामक है कि वायरस मस्तिष्क में जाता है या नहीं, और कोविड-19 रोगियों द्वारा बताए गए न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के उपचार और प्रबंधन के लिए इसका बड़ा प्रभाव हो सकता है।
ज्ञात हो कि साल 2020 में भारत में कोरोना महामारी ने दस्तक दी। इसके बाद सरकार के द्वारा इसके प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया।