बेंगलुरु, 13 मार्च (आईएएनएस)। वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी कंपनियां कर्मचारियों को बनाए रखने में संघर्ष कर रही हैं। इसकी वजह अधिक वेतन और अच्छे करियर के लिए पेशेवरों द्वारा लगातार जॉब स्विच करना है। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
ग्लोबल प्रोफेशनल एसोसिएशन, आईएसएसीए की नई रिपोर्ट में दुनिया भर के 7,726 तकनीकी पेशेवरों से प्रतिक्रियाएं एकत्रित की गईं और इसमें पाया गया कि एक तिहाई उत्तरदाताओं ने पिछले दो वर्षों में नौकरी बदली है।
रिपोर्ट में बताया गया कि युवा कर्मचारियों के नौकरी बदलने की संभावना सबसे अधिक है और 35 वर्ष से कम आयु के 42 प्रतिशत पेशेवर नए अवसर तलाश रहे हैं।
इन ट्रेंड के बावजूद, केवल 27 प्रतिशत कंपनियां ही अपने कर्मचारियों के साथ नियमित रूप से संपर्क रखती हैं जिससे उनकी चिंताओं का समाधान किया जा सके।
रिपोर्ट में बताया गया कि नौकरी संतुष्टि में वर्क-लाइफ बैलेंस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, हाइब्रिड या रिमोट वर्क ऑप्शन, आकर्षक नौकरी और वेतन कर्मचारियों को नौकरी में बनाए रखने में मदद करता है।
कई कर्मचारी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में इसलिए प्रवेश करते हैं क्योंकि उन्हें समस्या समाधान, निरंतर सीखने और नौकरी की सुरक्षा पसंद होती है।
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि पिछले दो वर्षों में लगभग 70 प्रतिशत पेशेवरों को वेतन वृद्धि या पदोन्नति मिली, जबकि केवल 36 प्रतिशत ने ही सक्रिय रूप से इसके लिए मांग की थी।
रिपोर्ट में बताया गया कि नौकरी मिलने के बाद भी करियर में आगे बढ़ना हमेशा आसान नहीं होता। कर्मचारियों ने स्पष्ट करियर पथों की कमी, सीमित अवसरों और मेंटर्स की कमी को प्रमुख बाधाओं के रूप में बताया।
सर्वे में यह भी पाया गया कि महिलाएं मार्गदर्शन लेने की अधिक इच्छुक रहती हैं, जबकि पुरुष मार्गदर्शन देने की अधिक इच्छुक रहते हैं।
आईएसएसीए इमर्जिंग ट्रेंड्स वर्किंग ग्रुप के कन्नमल गोपालकृष्णन ने कहा, “भारत की आईटी इडस्ट्री दशकों से वैश्विक स्तर पर अग्रणी रही है,लेकिन टेक्नोलॉजी परिवर्तन की गति और कर्मचारियों की बदलती आकांक्षाएं दुनिया भर में कार्यबल की गतिशीलता को पुनर्परिभाषित कर रही हैं।”