तेलंगाना: मंत्री सीथक्का ने मानवाधिकार कार्यकर्ता साईबाबा के निधन पर जताया शोक

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हैदराबाद, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। जाने माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा के निधन पर सूबे की पंचायत राज मंत्री दनासारी सिथक्का ने दुख जताया।

उन्होंने एक बयान में कहा कि साईबाबा ने जीवन भर सामाजिक असमानताओं को खत्म करने के लिए संघर्ष किया। वह झूठे मामलों में लंबे समय तक जेल में रहे, लेकिन उन्होंने दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ लोगों के लिए अंत तक लड़ाई लड़ी।

बता दें कि साईबाबा एक दशक से अधिक समय तक जेल में रहे हैं। उन पर माओवादियों के साथ संबंधों के आरोप थे। हालांकि 2024 की शुरुआत में वह बरी कर दिए गए थे।

साईबाबा का शनिवार (12 अक्टूबर) को निधन हो गया। वह 57 साल के थे।

बताया जा रहा है कि उनकी मौत का कारण पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के बाद उत्पन्न हुईं परेशानियां हैं। व्हीलचेयर पर चलने वाले साईबाबा का निज़ाम इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (NIMS) में इलाज चल रहा था, जहां उन्हें 10 दिन पहले खराब स्वास्थ्य के कारण भर्ती कराया गया था।

पूर्व माओवादी दानसारी सीथक्का ने साईबाबा की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया तथा उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।

इस बीच, भाकपा राष्ट्रीय परिषद के सचिव के. नारायण ने साईबाबा के निधन के कारण हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा रविवार आयोजित वार्षिक दशहरा कार्यक्रम ‘अलाई बलाई’ से दूर रहने का फैसला किया।

नारायण ने दत्तात्रेय को पत्र लिखकर अपने इस फैसले के बारे में बताया।

उन्होंने कहा, ” जैसा कि आप जानते हैं, साईबाबा एक प्रसिद्ध बुद्धिजीवी और दिल्ली के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे, जिन्हें केंद्र सरकार ने गिरफ्तार किया था, जबकि वे 90 प्रतिशत तक हड्डियों की बीमारी से पीड़ित थे। यहां तक ​​कि उन्हें जमानत भी नहीं दी गई, जो कि मुकदमे के दौरान उनका अधिकार है। अंततः 10 वर्षों के बाद, माननीय न्यायालय ने उन्हें दोष मुक्त कर दिया।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं और मेरी पार्टी साईबाबा की राजनीति से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है और अंततः राज्य ने उन्हें इस दुनिया से दूर कर दिया है। आप एक सज्जन व्यक्ति हैं, लेकिन अंततः आप उसी सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई। आपके निमंत्रण के लिए धन्यवाद, लेकिन विरोध स्वरूप मैं आपके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं होऊंगा।”