हैदराबाद, 16 मई (आईएएनएस)। तेलंगाना सरकार 2 जून के बाद हैदराबाद में आंध्र प्रदेश को आवंटित इमारतों को अपने कब्जे में ले लेगी और तब यह शहर दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी नहीं रह जाएगा।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बुधवार को अधिकारियों को लेक व्यू गेस्ट हाउस जैसी इमारतों को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया, जो आंध्र प्रदेश को 10 साल के लिए आवंटित की गई थीं।
तेलंगाना 2 जून को अपने गठन के 10 साल पूरे करने जा रहा है। आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत हैदराबाद को 10 साल की अवधि के लिए संयुक्त राजधानी घोषित किया गया था।
मुख्यमंत्री ने एपी पुनर्गठन अधिनियम के तहत आंध्र प्रदेश के साथ लंबित मुद्दों को हल करने पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने 18 मई को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है, जिसमें पुनर्गठन अधिनियम में लंबित मुद्दों और आंध्र प्रदेश के साथ लंबित विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा होगी।
बुधवार को मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद दोनों राज्यों के बीच संपत्तियों के बंटवारे और कर्ज के भुगतान से संबंधित सभी लंबित मुद्दों पर एक रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया।
अनुसूची 9 और 10 के तहत संगठनों और निगमों की संपत्ति का विभाजन और वितरण अभी तक पूरा नहीं हुआ है, क्योंकि दोनों राज्य कुछ मुद्दों पर आम सहमति पर नहीं पहुंच पाए हैं।
बिजली बकाए के भुगतान का मामला भी लंबित था।
सीएम ने अधिकारियों से परिसंपत्तियों के बंटवारे की स्थिति और इन मुद्दों को हल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक किए गए प्रयासों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आंध्र के समकक्षों के साथ कर्मचारियों के लंबित स्थानांतरण और प्रत्यावर्तन को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करें।