चेन्नई, 11 मार्च (आईएएनएस)। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की तमिलनाडु इकाई ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी रूप देने की मांग को लेकर 19 मार्च को तेनकासी में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। यह प्रदर्शन एसकेएम और केंद्र सरकार के बीच चंडीगढ़ में तीसरे दौर की वार्ता के साथ एकजुटता दिखाने के समर्थन में होगा।
एसकेएम नेता पीआर पांडियन ने कहा कि इस प्रदर्शन में तमिलनाडु के सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में किसान शामिल होंगे। यह प्रदर्शन एमएसपी के कानूनी क्रियान्वयन की मांग को लेकर व्यापक आंदोलन का हिस्सा है, जो देश भर के किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग है।
केंद्र सरकार पहले ही इस संबंध में दिल्ली में एसकेएम प्रतिनिधियों के साथ दो दौर की चर्चा कर चुकी है। हालांकि, इन चर्चाओं से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला और न ही सरकार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करने के लिए कोई कदम उठाया।
तीसरे दौर की वार्ता 19 मार्च को चंडीगढ़ में होगी, जहां एसकेएम के सदस्य एक बार फिर अपनी मांगों को रखेंगे।
5 मार्च को एसकेएम की तमिलनाडु इकाई ने दिल्ली में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में ‘तमिलनाडु के चावल के कटोरे’ के रूप में जाने जाने वाले तंजावुर में भूख हड़ताल की थी।
दिल्ली में 26 नवंबर, 2024 से शुरू हुआ आंदोलन एमएसपी को कानूनी बनाने सहित कई मांगों के लिए चल रहा है। कई प्रदर्शनों के बावजूद केंद्र सरकार इस मुद्दे पर चुप है।
केंद्रीय मंत्रियों ने 19 और 22 फरवरी को प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की थी, लेकिन एमएसपी पर कोई आश्वासन नहीं दिया गया, जिसके कारण विरोध प्रदर्शन तेज हो गया और देशव्यापी किसान एकजुटता का आह्वान किया गया।
पीआर पांडियन ने एसकेएम नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की 100 दिनों से अधिक समय से चल रही भूख हड़ताल पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकारी लापरवाही के कारण डल्लेवाल को कुछ हुआ, तो इससे पूरे देश में अकल्पनीय दंगे भड़क सकते हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से केंद्र सरकार पर एमएसपी को वैध बनाने के लिए दबाव बनाने का भी आग्रह किया, जिससे पूरे भारत में लाखों किसानों को लाभ होगा।