चेन्नई, 13 नवंबर (आईएएनएस)। खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और जमीन सर्वेक्षण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए तमिलनाडु सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। तमिलनाडु अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स कॉरपोरेशन (टीएनयूएवीसी) ने डीजीसीए प्रमाणित कृषि ड्रोन और सर्वे ग्रेड ड्रोन की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के तहत कार्य करता है।
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन दोनों श्रेणियों के ड्रोन ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के सख्त परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। ये ड्रोन सुरक्षा, प्रदर्शन और संचालन के सभी मानकों पर खरे उतरे हैं।
अधिकारी ने बताया, “डीजीसीए टाइप सर्टिफिकेशन किसी भी ड्रोन के औपचारिक उपयोग के लिए अनिवार्य है। यह न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि इससे ड्रोन को सरकारी सब्सिडी और संस्थागत ऋण के लिए पात्रता भी मिलती है।”
टीएनयूएवीसी ने दोनों प्रकार के ड्रोन की खरीद के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। अधिकारी के अनुसार ये हल्के कृषि ड्रोन, जो मजबूत कार्बन फाइबर से बनाए गए हैं, किसानों को एंड-टू-एंड तकनीकी समाधान प्रदान करेंगे।
इन ड्रोन में सटीक स्प्रे सिस्टम, कस्टमाइज्ड नोजल्स और एंटी-इंटरफेरेंस एंटीना लगाए गए हैं, जिससे खेतों में बिना किसी रुकावट के छिड़काव किया जा सकेगा। साथ ही इनमें अर्ली वार्निंग अलर्ट और ऑटोमैटिक रिटर्न-टू-होम जैसी स्मार्ट सुरक्षा सुविधाएं भी होंगी।
अधिकारी ने कहा, “ये ड्रोन पौधों की वृद्धि और खेत की घनत्व के अनुसार सटीक रूप से किसी भी कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं। इन्हें आसानी से असेंबल किया जा सकता है और इनके साथ फ्लाइट क्रैश वारंटी भी दी जाएगी।”
राज्य सरकार लगभग 50 कृषि ड्रोन खरीदने की योजना बना रही है।
कृषि ड्रोन के साथ-साथ टीएनयूएवीसी सर्वे ड्रोन भी खरीदेगा, जिनका उपयोग भूमि और अन्य क्षेत्रों के सटीक एरियल मैपिंग के लिए किया जाएगा।
इन ड्रोन में उन्नत इमेजिंग सिस्टम लगाए गए हैं, जो स्पष्ट और उच्च-गुणवत्ता वाले फोटो और वीडियो कैप्चर करने में सक्षम हैं। इससे भूमि अभिलेखों, योजना निर्माण और निगरानी की प्रक्रिया और सटीक बनेगी।
अधिकारी ने बताया कि इन ड्रोन में डाटा सुरक्षा प्रणाली मजबूत है, जो किसी भी अनधिकृत उपयोगकर्ता को जानकारी तक पहुंचने से रोकती है। साथ ही, इन्हें इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों और अत्यधिक गर्मी या ठंडे मौसम में भी अच्छे से काम कर सकें, जो तमिलनाडु के बदलते जलवायु को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
इन अत्याधुनिक ड्रोन प्रणालियों के जरिए तमिलनाडु सरकार का लक्ष्य प्रिसिजन एग्रीकल्चर को बढ़ावा देना, भूमि सर्वेक्षण को सुव्यवस्थित करना और शासन में आधुनिक तकनीकी उपकरणों के उपयोग को विस्तार देना है।
ड्रोन की खरीद प्रक्रिया अगले कुछ हफ्तों में आगे बढ़ेगी। इसके बाद इन्हें राज्य के विभिन्न जिलों में चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा।

