मस्क और रामास्वामी को ट्रंप ने दी अहम जिम्मेदारी, नया डिपार्टमेंट संभालेंगे दोनों

0
4

न्यूयॉर्क, 13 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उद्योगपति एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को नए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) के लिए चुना है। इन उद्योगपतियों का काम सरकार को सलाह
देना होगा।

मंगलवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इन नियुक्तियों की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि डीओजीई “संभवतः हमारे समय का ‘मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ बन सकता है”।

मैनहट्टन प्रोजेक्ट का मकसद द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा रिकॉर्ड समय में परमाणु हथियार विकसित करने था।

इस ऐलान के बाद मस्क ने दावा किया, “इससे पूरी प्रणाली में और सरकारी फिजूलखर्ची में शामिल सभी लोगों में हलचल मच जाएगी!”

उन्होंने एक्स पर लिखा: “अधिकतम पारदर्शिता के लिए डीओजीई की सभी कार्रवाइयों को ऑनलाइन पोस्ट किया जाएगा। जब भी जनता को लगे कि हम किसी महत्वपूर्ण चीज में कटौती कर रहे हैं या किसी बेकार चीज में कटौती नहीं कर रहे हैं, तो हमें बताएं! यह बेहद दुखद और बेहद मनोरंजक दोनों होगा (स्माइली इमोजी के साथ)।”

रामास्वामी ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया पोस्ट की, “हम धीरे-धीरे नहीं चलेंगे।” इसके साथ ही उन्होंने एलन मस्क को टैग भी किया।

हालांकि विभाग किस तरह काम करेगा, फ्रेमवर्क क्या होगा इसे लेकर कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया है। ट्रंप ने अपने वक्तव्य में कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ये दोनों अद्भुत अमेरिकी मेरे प्रशासन के डीओजीई का नेतृत्व करेंगे।”

चूंकि यह एक नया विभाग है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि इसके नेता कैबिनेट में होंगे या नहीं, उन्हें सीनेट द्वारा पुष्टि की जाएगी या नहीं, तथा उनके पद क्या होंगे।

ट्रंप ने कहा, “ये दोनों अद्भुत अमेरिकी मेरे प्रशासन के लिए नौकरशाही को खत्म करने, फिजूलखर्ची में कटौती करने, गैरजरूरी नियमों को समाप्त करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन का काम करेंगे।”

दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति मस्क इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला और रॉकेट कंपनी स्पेस एक्स के प्रमुख हैं। वे एक्स के मालिक हैं, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था।

वहीं भारतवंशी रामास्वामी करोड़पति शख्स हैं और एक दवा कंपनी के फाउंडर भी हैं।

उन्होंने रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन के लिए ट्रंप के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उनके समर्थन में उतर आए।

मस्क का दावा है कि वे नए विभाग के जरिए सरकारी खर्च में कम से कम 2 ट्रिलियन डॉलर (168 लाख करोड़) की कटौती कर पाएंगे।