न्यूयॉर्क, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। हाल ही में हुए एक सर्वे में दावा किया गया है कि अमेरिका में हर साल बीमा कंपनियां इलाज में खर्च पैसों को लाखों मरीजों को देने से इनकार कर देती हैं।
वाशिंगटन पोस्ट ने सोमवार को डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के सर्वे का हवाला दिया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इस तरह के सर्वे से पता चलता है कि बीमाकर्ता भी डॉक्टरों से उपचार करने से पहले अनुमति लेने की मांग कर रहे हैं। इस वजह से मरीजों की देखभाल में देरी हो रही है। इसे अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने “भयानक” बताया है।
जबकि कई राज्यों ने बढ़ते जन आक्रोश के बीच ऐसी चीजों को रोकने के लिए कानून भी बनाए गए हैं। बीमा करने वाली एजेंसियां कवरेज के लिए मना करने वाली परिस्थितियों और प्री-ऑथराइजेशन का बचाव करती हैं। उनका कहना है कि ये उपाय बढ़ती लागतों को रोकने के लिए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, “मरीजों के वकीलों के अनुसार, सबसे अधिक निराशा की बात यह है कि बीमा कंपनियां बिना स्पष्टीकरण के काम करती हैं। साथ ही क्लेम देने से मना करने का पत्र भेजती हैं, जिसमें मना करने का औचित्य भी स्पष्ट नहीं होता है।”
न्यूयॉर्क में कम्युनिटी सर्विस सोसाइटी की उपाध्यक्ष एलिजाबेथ बेंजामिन ने कहा, “मरीज को एक रहस्यमय संदेश मिलता है, जिसमें कहा जाता है कि ‘यह चिकित्सकीय रूप से जरूरी नहीं है,’ लेकिन इसके लिए कोई अन्य स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है।” एलिजाबेथ बेंजामिन न्यूयॉर्क में एक ऐसा कार्यक्रम चलाती हैं जो लोगों को इस अस्वीकृतियों के खिलाफ अपील करने में मदद करता है।
बेंजामिन ने कहा, “लोग इसलिए नाराज हैं क्योंकि यह सब एक बड़ा रहस्य है। हमारे लिए एक समाज के रूप में यह गलत है कि हम ऐसी किसी चीज पर भरोसा करें जो इतना खराब है। साथ ही हमारे लिए उन विशाल निगमों पर भरोसा करने भी मुश्किल है जो मरीजों की देखभाल से इनकार करके पैसे कमाते हैं। यही कारण है कि लोग इतने गुस्से में हैं।”
यह जानना मुश्किल है कि क्लेम को क्यों और कितनी बार रिजेक्ट किया जा रहा है या चिकित्सा प्रक्रियाओं की प्रारंभिक जांच की जा रही है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ इंश्योरेंस कमिश्नर्स के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर रिजेक्शन की दर 14 प्रतिशत से 16 प्रतिशत के बीच रही है।