वाशिंगटन, 22 जून (आईएएनएस)। अमेरिका ने ईरान की ‘न्यूक्लियर साइट्स’ पर हमला किया है। इस हमले के कुछ घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली सेना को अमेरिका के साथ काम करने के लिए धन्यवाद दिया।
शनिवार (अमेरिकी समय) को हमलों के कुछ ही घंटों बाद ट्रंप ने मीडिया को संबोधित किया। ट्रंप ने नेतन्याहू (उन्हें उनके उपनाम ‘बीबी’ से पुकारते हुए) के प्रति आभार जताया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री बीबी नेतन्याहू को धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूं। हमने एक टीम के रूप में काम किया, जैसा शायद पहले कभी किसी टीम ने नहीं किया। हम इजरायल के लिए इस भयानक खतरे को मिटाने के लिए बहुत आगे बढ़ चुके हैं। मैं इजरायली सेना को उनके शानदार काम के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।”
ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका ने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स पर बमबारी की है। इसके साथ ही उन्होंने तेहरान को चेतावनी दी है कि जब तक वह इजरायल के साथ अपना संघर्ष खत्म नहीं करता, तब तक वह और सटीक हमले करेगा।
इन टारगेटेड लोकेशन में अत्यधिक सुरक्षित फोर्डो, नतांज और एस्फाहान न्यूक्लियर फैसिलिटी शामिल हैं।
ट्रंप ने ईरान पर एयर स्ट्राइक के बाद कहा, “यह संघर्ष जारी नहीं रह सकता। ईरान के लिए या तो शांति होगी, या त्रासदी। याद रखें, अभी कई टारगेट बचे हैं। शनिवार की रात उन सभी के लिए सबसे कठिन थी, और शायद सबसे घातक। अगर शांति जल्दी होती, तो हम उन अन्य टारगेट्स पर सटीकता, गति और कौशल के साथ हमला करेंगे।”
राष्ट्रपति ट्रंप ने जोर देकर कहा है कि हमलों का मकसद ईरान की ‘न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी’ को कम करना और दुनिया के नंबर-1 आतंक प्रायोजक स्टेट से पनपे परमाणु खतरे को रोकना था।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर हमलों के लिए ट्रंप को धन्यवाद देते हुए कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप और मैं अक्सर कहते हैं- ‘शक्ति के जरिए शांति।’ पहले शक्ति आती है, फिर शांति आती है। और शनिवार रात, डोनाल्ड ट्रंप और संयुक्त राज्य अमेरिका ने बहुत ताकत के साथ काम किया।”
ईरान-इजरायल के बीच यह संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ था। इजरायल ने ईरान पर अचानक हमला किया था। इजरायली अधिकारियों ने दावा किया था कि हमला तेहरान को न्यूक्लियर वेपन हासिल करने से रोकने के लिए एक निवारक उपाय था। इस संघर्ष ने पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है, जो अक्टूबर 2023 से गाजा में इजरायल के लंबे युद्ध के बाद पहले से ही चरम पर है।