संसद का शीतकालीन सत्र आज से, चर्चा के लिए कम समय मिलने पर विपक्ष कर सकता है हंगामा

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नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का विंटर सेशन सोमवार से शुरू हो रहा है और 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 19 दिन के शेड्यूल में 15 बैठकें होंगी।

सरकार इस सत्र में 13 बिल पेश करने के लिए तैयार है, जिनमें बड़े इकोनॉमिक और नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े विधेयक शामिल हैं। वहीं विपक्ष एसआईआर, राष्ट्रीय सुरक्षा समेत कई दूसरे मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहा है।

पेश किए जाने वाले सबसे खास बिलों में सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल 2025 और हेल्थ सिक्योरिटी नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025 शामिल हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इन बिलों को लोकसभा में पेश करने की उम्मीद है। इन दो कानूनों का मकसद तंबाकू और पान मसाला जैसे ‘सिन गुड्स’ पर मौजूदा जीएसटी कंपनसेशन सीईएसएस को रिवाइज्ड एक्साइज लेवी से बदलना है।

सूत्रों के मुताबिक, इस कदम का मकसद यह पक्का करना है कि ऐसे सामानों पर अभी का ज्यादा टैक्स लेवल बना रहे, साथ ही नेशनल सिक्योरिटी और पब्लिक हेल्थ पर खर्च के लिए ज्यादा स्टेबल रेवेन्यू स्ट्रीम भी बने।

हेल्थ सिक्योरिटी नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025 खास तौर पर कुछ खास सामान बनाने में इस्तेमाल होने वाली मशीनों और प्रोसेस पर सीईएसएस का प्रस्ताव करता है। इस सीईएसएस का मकसद ‘नेशनल सिक्योरिटी और पब्लिक हेल्थ पर खर्च को पूरा करने के लिए रिसोर्स बढ़ाना’ है, जो आगे चलकर इन सेक्टर को फंड करने के तरीके में एक बड़ा बदलाव दिखाता है।

सत्र के दौरान सरकार ने विचार के लिए कई और जरूरी बिल लिस्ट किए हैं। इनमें नेशनल हाईवे (अमेंडमेंट) बिल, एटॉमिक एनर्जी बिल, कॉर्पोरेट लॉ (अमेंडमेंट) बिल, इंश्योरेंस लॉ (अमेंडमेंट) बिल और हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल 2025 शामिल हैं।

एटॉमिक एनर्जी बिल से खास ध्यान खींचने की उम्मीद है, क्योंकि यह प्राइवेट कंपनियों के लिए न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने का रास्ता खोल सकता है।

कानून बनाने के अलावा संसद 2025-26 के लिए सप्लीमेंट्री डिमांड्स फॉर ग्रांट्स के पहले बैच पर भी चर्चा और वोटिंग करेगी।

विपक्ष की तरफ से, पार्टियों ने पहले ही साफ कर दिया है कि वे एसआईआर मुद्दे पर बहस की मांग करेंगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार चर्चा की इजाजत नहीं देती है तो रुकावटें आ सकती हैं। विपक्ष नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े मामले भी उठाना चाहता है।

जहां सरकार अपने कानूनी वादों को पूरा करने पर ध्यान दे रही है, वहीं उसने वंदे मातरम के 150वें साल को मनाने की अपनी इच्छा भी जताई है। हालांकि यह देखना बाकी है कि विपक्ष के कड़े रुख के बीच सत्र कितनी आसानी से आगे बढ़ता है।