आईजीआरएस शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर एक्शन, नोएडा प्राधिकरण के 8 वरिष्ठ अधिकारियों का वेतन रोका गया

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नोएडा, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर प्राधिकरण ने कड़ा रुख अपनाते हुए आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) से जुड़े मामलों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से न निपटाने वाले आठ वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन आहरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्णय लिया है।

यह एक्शन उन विभागाध्यक्षों के खिलाफ लिया गया है जिनके पास 12 से अधिक आईजीआरएस प्रकरण लंबित पाए गए और बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद शिकायतों का निस्तारण समयसीमा में नहीं किया जा रहा था। अधिकारियों को ‘डिफॉल्टर’ की श्रेणी में रखते हुए यह कार्रवाई की गई है। प्राधिकरण प्रशासन के अनुसार, आईजीआरएस के माध्यम से आने वाली शिकायतें सीधे जनहित से जुड़ी होती हैं और आम नागरिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए यह प्रणाली बनाई गई है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा शिकायतों पर उदासीन रवैया अपनाना अत्यंत आपत्तिजनक माना गया।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने स्पष्ट किया है कि लापरवाही या ढिलाई की नीति कतई स्वीकार्य नहीं होगी और शिकायतों का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता है। वेतन रोके गए इन वरिष्ठ अधिकारियों की सूची में क्रांति शेखर सिंह, विशेष कार्याधिकारी (ग्रुप हाउसिंग), अरविन्द कुमार सिंह, विशेष कार्याधिकारी (भूलेख), एके अरोड़ा, महाप्रबंधक (सिविल), एसपी सिंह, महाप्रबंधक (सिविल), आरपी सिंह, महाप्रबंधक (जल), मीना भार्गव, महाप्रबंधक (नियोजन), प्रिया सिंह, सहायक महाप्रबंधक (औद्योगिक) और संजीव कुमार बेदी, सहायक महाप्रबंधक (आवासीय भूखंड) के नाम शामिल हैं।

जन शिकायतों के अलावा सफाई व्यवस्था में भी ढिलाई बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में एमपी-1 सेक्टर-4 में गंदगी की शिकायत सत्यापित पाए जाने के बाद क्षेत्र के सफाई सुपरवाइजर विवेक का एक माह का वेतन रोकने का आदेश किया गया है।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दोहराया कि विभागीय कार्य संस्कृति में सुधार और नागरिक संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए शून्य लापरवाही नीति अपनाई गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में भी देर-सवेर या अनियमितता पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ और भी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।