साहित्यकारों की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका-मंत्री सुश्री ठाकुर

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"सिलसिला एवं तलाशे जौहर" श्रृंखला की समय सारिणी का विमोचन
उर्दू अकादमी का अलंकरण समारोह

भोपाल

संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि साहित्यकारों की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए साहित्यकार देश और समाज के प्रति सकारात्मक दायित्व का निर्वाह अवश्य सुनिश्चित करें। मंत्री सुश्री ठाकुर राज्य संग्रहालय में उर्दू अकादमी के अलंकरण समारोह एवं संगीत संध्या को संबोधित कर रही थी। मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि यह सभी पुरस्कार साहित्यकारों की जीवन भर की अथक और निरंतर साधना का घोतक है। साहित्यकार अपने शोध कार्य में जीवन भर के अनुभवों एवं अनुभूतियों को समाहित करते है ताकि साहित्य देश और समाज के लिए प्रेरक बन सकें। मंत्री सुश्री ठाकुर ने मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा आगामी दिनों में प्रदेश भर में होने वाले "सिलसिला एवं तलाशे जौहर" श्रृंखला की समय सारिणी का विमोचन भी किया।

अकादमी की निदेशक डॉ. नुसरत मेहदी ने जानकारी देते हुए कहा कि अकादमी द्वारा पहले व्यक्ति विशेष को उसकी साहित्यिक सेवाओं के आधार पर पुरस्कार दिये जाते थे। वर्ष 2021-22 से मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा उर्दू भाषा एवं साहित्य से संबंधित विभिन्न विधाओं पर आधारित प्रकाशित पुस्तकों पर अखिल भारतीय एवं प्रादेशिक पुरस्कार दिये जाने का सिलसिला शुरू किया गया है। इसका लाभ यह हुआ कि उर्दू साहित्य की लुप्त होती हुई अनेक विधाओं पर कार्य शुरू हुआ है और इस बार हमें उर्दू साहित्य की अनेक विधाओं पर काफ़ी संख्या में पुस्तकें प्राप्त हुईं। इस वर्ष मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा 6 रचनाकारों को उनकी कृतियों पर अखिल भारतीय पुरस्कार एवं 12 रचनाकारों को प्रादेशिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।

मंत्री सुश्री ठाकुर ने सर्वश्री डॉ. शफी हिदायत कुरैशी, दतिया, आरिफ अज़ीज़, भोपाल, रेनू बहल, चंडीगढ़, रख्शन्दा मेहदी, दिल्ली, रिज़वान-उल-हक़, दिल्ली और बद्र वास्ती, भोपाल को अखिल भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं प्रादेशिक पुरुस्कारों से सर्वश्री रशीद अंजुम, भोपाल, प्रो. आफ़ाक़ हुसैन सिद्दीकी, भोपाल, खालिदा सिद्दीक़, भोपाल, शऊर आशना, बुरहानपुर, डॉ. आज़म भोपाल, अशोक मिज़ाज बद्र, सागर, रफीक़ रीवानी, रीवा, महेन्द्र अग्रवाल, शिवपुरी, डॉ. वासिफ़ खान यार, बुरहानपुर, रियाज़ आलम मोहम्मदी, जबलपुर को “तजल्लियाते बज़्मे सना” पर, जमील अहमद जमील, जबलपुर एवं रूशदा जमील, भोपाल को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायक मोहम्मद अय्यूब ग़फ़ूर ने अपनी मखमली आवाज़ में ग़ज़लें प्रस्तुत करके श्रोताओं को झूमने पर मजबूर किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ एहसान आज़मी एवं संयुक्ता बेनर्जी द्वारा किया गया।

इस अवसर पर साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे, संबंधित विभागीय अधिकारी सहित बड़ी संख्या में उर्दू साहित्य प्रेमी उपस्थित रहें।