नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस) भारतीय नौसेना के सर्वेक्षण पोत आईएनएस सतलुज ने 35,000 समुद्री वर्ग मील क्षेत्र का संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पूर्ण किया है। भारतीय नौसेना ने मॉरीशस हाइड्रोग्राफिक सर्विस के साथ मिलकर यह संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण किया है।
माना जा रहा है कि समुद्र क्षेत्र में की गई यह पहल मॉरीशस की ब्लू इकोनॉमी के लक्ष्यों को मजबूत करने में अमूल्य योगदान देगी। यह सर्वे भारत और मॉरीशस के बीच मौजूदा समझौता ज्ञापन के तहत किया गया है। इस समझौते के तहत दोनों देशों की राष्ट्रीय एजेंसियों ने समन्वय के साथ यह कार्य पूर्ण किया।
नौसेना का मानना है कि यह एक व्यापक सर्वेक्षण है। इस सर्वेक्षण की मदद से मरीन चार्टिंग, तटीय नियमन, समुद्री संसाधन प्रबंधन और दीर्घकालिक पर्यावरणीय योजना को नई दिशा मिलेगी। इस मिशन के दौरान मॉरीशस के विभिन्न मंत्रालयों से छह अधिकारी शामिल हुए। ये अधिकारी आईएनएस सतलुज पर सवार हुए।
आईएनएस सतलुज पर सवार अधिकारियों ने आधुनिक हाइड्रोग्राफिक तकनीकों में व्यावहारिक प्रशिक्षण हासिल किया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से स्थानीय कर्मियों की तकनीकी क्षमता में वृद्धि होगी। इसके साथ ही मॉरीशस की स्वदेशी सर्वेक्षण योग्यता को सुदृढ़ किया जाएगा।
आईएनएस सतलुज ने सर्वेक्षण मिशन के साथ-साथ मॉरीशस नेशनल कोस्ट गार्ड के साथ संयुक्त विशेष आर्थिक क्षेत्र निगरानी और एंटी-पायरेसी पेट्रोल (गश्त) भी संचालित की। इन अभियानों से हिंद महासागर क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूती मिली है। यहां यह महत्वपूर्ण मिशन पूर्ण होने के उपलक्ष्य में एक औपचारिक समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सर्वेक्षण की फेयरशीट को औपचारिक रूप से मॉरीशस प्राधिकरणों को सौंप दिया गया।
इस कार्यक्रम में मॉरीशस के आवास एवं भूमि मंत्रालय के मंत्री शकील अहमद यूसुफ अब्दुल रजाक मोहम्मद और मॉरीशस में भारत के उच्चायुक्त अनुराग श्रीवास्तव मौजूद रहे। नौसेना के अनुसार यह तैनाती भारत और मॉरीशस के बीच 18वां संयुक्त हाइड्रोग्राफिक मिशन है। यह मिशन दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक समुद्री सहयोग और सुरक्षित नौवहन, सतत महासागर प्रबंधन की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मिशन की सफलता भारतीय महासागर दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देना है। आईएनएस सतलुज के इस सफल मिशन ने भारत और मॉरीशस के बीच गहरे मित्रतापूर्ण संबंधों को और प्रगाढ़ किया है। यह अभियान न केवल तकनीकी सहयोग का प्रतीक है, बल्कि दोनों देशों के बीच साझे समुद्री हितों और क्षेत्रीय प्रगति के प्रति अटूट समर्पण का भी प्रमाण है।













