चंडीगढ़, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ा हुआ है। इस घटना के बाद वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने बुधवार को विवादस्पद बयान दिया।
प्रकाश अंबेडकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करके सनातन धर्म की तुलना अस्पृश्यता से की। उन्होंने दावा किया कि सनातन धर्म को मानने वाले लोग अस्पृश्यता पर विश्वास रखते हैं और प्राण लेते हैं। उन्होंने लिखा, “सनातन धर्म = अस्पृश्यता। सनातन धर्म अस्पृश्यता में विश्वास करता है और प्राण लेता है!” यह टिप्पणी पूरन कुमार की मौत को जातिगत भेदभाव से जोड़ते हुए की गई है।
वाई. पूरन कुमार, 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी, ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने आधिकारिक आवास पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। वे हाल ही में सुनारिया जेल के अधीक्षक पद पर स्थानांतरित किए गए थे, जहां राम रहीम जैसे बड़े अपराधी कैद हैं। पूरन दलित समुदाय से थे।
पुलिस के अनुसार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पूरन कुमार ने अपनी सर्विस पिस्तौल से खुद को गोली मार ली और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। अधिकारी ने नौ पन्नों का एक ‘अंतिम नोट’ छोड़ा है जिसमें 15 वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के नाम हैं, जिससे राज्य पुलिस के शीर्ष अधिकारी जातिवाद और पक्षपात के आरोपों के घेरे में आ गए हैं।
इस मामले में एक और मोड़ आया जब 14 अक्टूबर को रोहतक के साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप लाठर ने भी आत्महत्या कर ली। लाठर ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। हालांकि पूरन के परिवार का कहना है कि आईपीएस अधिकारी ने दबाव के चलते आत्महत्या जैसा कदम उठाया था। हरियाणा सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन विपक्ष ने इसे दलित उत्पीड़न का प्रतीक बताया।
बता दें कि वाई. पूरन कुमार के परिवार ने घटना के नौवें दिन पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी है।