नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में छठ महापर्व की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस बीच रविवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों के साथ छठ की तैयारियों का जायजा लिया।
इस दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि आज वासुदेव घाट पहुंचकर छठ महापर्व की तैयारियों का निरीक्षण किया। हमारी सरकार पल्ला से लेकर कालिंदी कुंज तक सभी छठ घाटों के निर्माण और सौंदर्यीकरण का कार्य युद्धस्तर पर कर रही है। इस बार दिल्ली में छठ महापर्व पहले से कहीं अधिक भव्य, दिव्य और सुव्यवस्थित रूप में मनाया जाएगा। जैसे कांवड़ यात्रा, रामलीला, दुर्गा पूजा और दीपावली के समय दिल्ली ने अपने नए स्वरूप को देखा है। वैसे ही इस बार छठ महापर्व पर भी दिल्लीवासी ‘बदली हुई दिल्ली’ का अनुभव करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी दिल्ली हर पर्व के साथ अधिक संवेदनशील, सुसंस्कृत और सशक्त बनती जा रही है। एक ऐसी राजधानी का स्वरूप ले रही है जो श्रद्धा और विकास दोनों का प्रतीक है।
इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा, लक्ष्मी नगर से विधायक अभय कुमार वर्मा एवं संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
इस दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्लीवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सभी देशवासियों को नरक चतुर्दशी एवं छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। यह शुभ पर्व हमारे जीवन से अज्ञान, नकारात्मकता और अहंकार रूपी अंधकार को दूर कर सत्य, सद्भाव और प्रकाश की दिशा में अग्रसर होने की प्रेरणा देता है। दीपों की यह पावन ज्योति सभी के जीवन में नई ऊर्जा, उत्साह और अपार खुशियां लेकर आए। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि वे हम सबके जीवन में शांति, समृद्धि और मंगल का प्रकाश सदा बनाए रखें।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इससे पहले कहा कि सालों बाद दिल्ली में दीपावली का उत्सव फिर से अपने पूरे रंग और रोशनी के साथ मनाया जाएगा। आप सभी से अपील है कि इस दीपावली केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों का ही प्रयोग करें और निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन अवश्य करें।
उन्होंने कहा कि जब राजा राम वनवास से लौटे, तो अयोध्या जगमगा उठी। जब राम मंदिर बना, तो राष्ट्र आलोकित हुआ। और आज जब दिल्ली में भाजपा सरकार है, तो पहली बार कर्तव्य पथ पर दीपोत्सव में राजधानी भी राममय और तेजोमय हो उठी है।
कर्तव्य पथ पर पहली बार भव्य दिव्य दीपोत्सव मनाया गया, जहां 1 लाख 51 हजार दीपों की ज्योति, रामकथा, ड्रोन शो और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आस्था, संस्कृति और राष्ट्रभावना का अद्भुत संगम रचा। यह क्षण दिल्ली के पहले दीपोत्सव के रूप में इतिहास में अंकित रहेगा।