पटना, 1 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा सोमवार को समाप्त हो गई। विपक्ष का दावा है कि यात्रा सफल हुई और बिहार की जनता का भरपूर समर्थन मिला। इस पर बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन ने तंज कसते हुए कहा कि अगर विपक्ष को जनता का समर्थन मिला, तो गांधी मैदान में यात्रा के समापन पर जो रैली होने वाली थी, उसे स्थगित क्यों किया गया? उन्होंने दावा किया कि जनता का समर्थन नहीं मिला, इसलिए राहुल गांधी और तेजस्वी यादव गांधी मैदान से भाग गए।
आईएएनएस से बातचीत में नितिन नबीन ने बताया कि रैली करने के लिए इजाजत मांगी गई, जिसे स्वीकार किया गया, लेकिन जब विपक्षी दलों को पटना के गांधी मैदान में जनता का समर्थन नहीं मिला तो ये लोग जुलूस निकालने के लिए सड़कों पर आ गए।
बता दें कि वोटर अधिकार यात्रा बिहार के सासाराम से शुरू हुई थी, जिसमें 14 दिनों में 20 से ज्यादा जिलों और 110 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए 1,300 किलोमीटर की दूरी तय की। यह यात्रा 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान से शुरू होकर डॉ. बी.आर. अंबेडकर की मूर्ति तक एक प्रतीकात्मक ‘गांधी से अंबेडकर’ जुलूस के साथ समाप्त हुई।
इस जुलूस में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे, हेमंत सोरेन, और अन्य इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने हिस्सा लिया।
वोटर अधिकार यात्रा में इससे पहले तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। यात्रा के समापन से पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए। नितिन नबीन और भाजपा नेताओं ने इस यात्रा को नाटक और भ्रम फैलाने वाली यात्रा बताया।
वहीं, इंडिया ब्लॉक ने इस यात्रा को जन आंदोलन बताया है। इंडिया ब्लॉक में शामिल राजनीतिक दलों के नेताओं ने पटना के मैदान से इस बात को दोहराया है कि राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में जिस प्रकार से बिहार की जनता ने प्यार दिया है, इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में दिखाई देगा। ब्लॉक के नेताओं के अनुसार, बिहार की जनता ने मन बना लिया है और बिहार में बदलाव तय है। महागठबंधन की सरकार बनाने का दावा भी जोर पकड़ रहा है।