नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में शनिवार को जंतर-मंतर पर वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इस दौरान नए कानून को निरस्त करने और पुराने वक्फ कानून को बहाल करने की मांग जोर-शोर से उठाई गई। प्रदर्शनकारियों ने इसे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक संपत्तियों पर खतरा बताया।
प्रदर्शन में शामिल राज्यसभा सदस्य फौजिया खान ने कहा, “मैं अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति समर्थन जताने आई हूं। हमारे पूर्वजों ने अल्लाह के नाम पर वक्फ संपत्तियां दान की थीं। इनका प्रबंधन हमेशा वक्फ बोर्ड के पास रहा है, लेकिन नए कानून से इसमें हस्तक्षेप की कोशिश हो रही है।”
कृषि कानूनों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जनता के विरोध से कानून रद्द हो सकते हैं। हम अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य सैयद कासिम रसूल इलियास ने अधिनियम को पूरी तरह आपत्तिजनक बताया। उन्होंने कहा, “यह कानून हमारी मस्जिदों, इमामबाड़ों और कब्रिस्तानों को छीनने की साजिश है। हमारी मांग है कि इसे तत्काल निरस्त किया जाए और पुराना वक्फ कानून लागू हो।”
उन्होंने बताया कि देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और संगठन ने दूसरा रोडमैप शुरू किया है, जिसमें मार्च, सभाएं और ज्ञापन सौंपने की योजना है। 16 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। नवंबर में दूसरा रोडमैप पूरा होने के बाद तीसरा चरण शुरू होगा।
वहीं प्रदर्शन में शामिल एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने प्रदर्शन में शामिल होकर सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ 100 लोगों की अनुमति दी गई, जबकि सरकार समर्थक कार्यक्रमों को हजारों की अनुमति मिलती है। यह साफ दिखाता है कि दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। अगर कोई प्रधानमंत्री की तारीफ में जलसा करना चाहता तो उसे बीस हजार लोगों की अनुमति दे दी जाती। हमें बहुत मायूसी है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों की हिफाजत नहीं कर पाएगा। वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए पुराने कानून को बहाल किया जाए और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का सम्मान हो।”
उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान का खंडन किया, जिसमें मुस्लिम आबादी में तेज वृद्धि का दावा किया गया है। उन्होंने कहा कि अमित शाह कह रहे हैं कि मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है। हर तरह से मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। हकीकत यह है कि मुसलमानों की आबादी में वृद्धि बहुत कम हुई है, लेकिन ये लोग झूठ फैलाकर कहते हैं कि मुसलमानों की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है।