शेखपुरा, 30 जून (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें जीविका योजना प्रमुख है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जीविका के तहत स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को रोजगार, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने परिवार और समुदाय में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।
शेखपुरा जिले के देवपुरी गांव की निवासी बबीता देवी भी उन लाखों महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने जीविका योजना के माध्यम से अपने जीवन को नई दिशा दी है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान बबीता देवी ने बताया कि जीविका योजना से जुड़ने से पहले काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। पति के निधन के बाद परिवार चलाने की जिम्मेदारी थी। मेरे दो बच्चे हैं। जीविका योजना से जुड़ने के बाद मुझे काम मिला। मैं श्रृंगार का सामान बेच रही हूं और यहां से जो भी आमदनी होती है, उससे परिवार का गुजारा चल रहा है।
रूबी देवी ने बताया कि जीविका योजना से जुड़ने से पहले आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। जीविका योजना से लोन लेकर श्रृंगार प्रसाधन के सामान का ठेला लगाया। इस योजना से जुड़ने से पहले मजदूरी करते थे, तब खाना खाते थे। मजदूरी 300 रुपया मिलता था, उसी में बच्चों को पढ़ाते थे, उसी पैसे से खाना भी खाते थे। फिर गांव के लोगों को देखा कि लोग जीविका का समूह चलाते हैं तो उसी में हम भी जुड़ गए। जुड़ने के बाद समूह से लोन लिया। उसी लोन से हम शेखपुरा बाजार में ठेला लगाकर अपना जीवन संवार रहे हैं और अब स्थिति बहुत अच्छी है। उन्होंने बताया कि जीविका योजना से अब बहुत से महिलाएं जीवनयापन कर रही हैं। पहले काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। पति जो भी काम करते थे, उससे परिवार का गुजारा नहीं चल पाता था।
जीविका योजना बिहार में रहने वाली उन महिलाओं के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है, जो घरेलू कामकाज में सिमटकर अपने सपनों को जीना छोड़ देती हैं। बिहार में काफी महिलाएं इस योजना से जुड़ रही हैं और अपने भविष्य को संवार रही हैं। यह योजना न केवल महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान कर रही है, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी उनके आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ा रही है।
जीविका के माध्यम से लाखों महिलाएं बिहार में अपने सपनों को साकार कर रही हैं, जैसे कि खुद का व्यवसाय शुरू करना, बच्चों की शिक्षा में निवेश करना, और परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना। इसके अलावा, यह योजना एकजुटता को भी बढ़ावा देती है, जिससे महिलाएं सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी आवाज उठा रही हैं।