झारखंड के सीए नरेश केजरीवाल के 15 ठिकानों पर ईडी की रेड, 65 लाख नकद और 55 लाख के सोना-चांदी बरामद

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रांची, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को झारखंड के चर्चित चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) नरेश केजरीवाल और उनके सहयोगियों के रांची, मुंबई और सूरत स्थित 15 ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह छह बजे शुरू होकर देर शाम तक जारी रही। इस दौरान 65 लाख रुपए नकद, 55 लाख रुपए मूल्य के सोना–चांदी के सिक्के तथा हवाला नेटवर्क के जरिए विदेशों में धन भेजने से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं।

एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, गिरधर केजरीवाल के ठिकानों से 30 लाख, अजय केजरीवाल के ठिकानों से 10 लाख, तथा इंदर केजरीवाल के परिसरों से 25 लाख रुपए नकद जब्त किए गए। इसके साथ ही इंदर केजरीवाल के ठिकानों से 55 लाख रुपए मूल्य के सोना-चांदी के सिक्के भी बरामद हुए। तलाशी के दौरान मिले इन सभी पदार्थों को जब्त कर लिया गया है।

प्रारंभिक जांच में हवाला के जरिए विदेशों में बनी कई शेल कंपनियों में 1000 करोड़ रुपए से अधिक राशि निवेश करने और लगभग इतनी ही रकम डिजिटल माध्यमों से भारत वापस लाने के सबूत मिले हैं। यह पूरी प्रक्रिया कथित तौर पर काले धन को वैध करने यानी मनी लॉन्ड्रिंग के उद्देश्य से की गई थी।

जांच में यह भी सामने आया है कि केजरीवाल और उनसे जुड़े लोग संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका (यूएसए), नाइजीरिया सहित कई देशों में अवैध फंड ट्रांसफर करते रहे हैं। रांची में ईडी की टीमों ने चर्च कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय, पंचवटी प्लाजा स्थित ऑफिस और लालपुर स्थित आवासीय परिसरों की तलाशी ली। मुंबई और सूरत के तीन-तीन परिसरों में भी समानांतर छापेमारी की गई।

सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग द्वारा पूर्व में की गई छापेमारी में कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डेटा मिला था। इन्हीं इनपुट्स के आधार पर ईडी ने फेमा के तहत जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में यह भी उजागर हुआ कि केजरीवाल परिवार का संबंध रियल एस्टेट और कोयला व्यापार से है। नरेश केजरीवाल के भाई इंदर लाल केजरीवाल देविका कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रह चुके हैं और उनका संबंध लगभग 11 कंपनियों से बताया जाता है, जिनमें के फिलामेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और श्री श्याम एम्ब्रॉयडरीज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। तलाशी के दौरान ईडी की टीमों ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, कंप्यूटर डेटा, विदेशी लेनदेन से जुड़े दस्तावेजों और वित्तीय रिकॉर्ड को खंगाला है।