रांची, 26 जून (आईएएनएस)। ड्रग्स और नशे के खिलाफ झारखंड सरकार की ओर से पूरे राज्य में 10 जून से 26 जून तक चलाए गए जागरुकता अभियान के दौरान तीन हजार स्कूलों सहित 12 हजार स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें 22 लाख से अधिक स्कूली बच्चों के अलावा जगह-जगह लोगों ने नशे का प्रसार रोकने का संकल्प लिया।
अभियान के समापन दिवस पर गुरुवार को राजधानी रांची सहित कई शहरों में मैराथन दौड़ आयोजित की गई। राज्य सरकार की ओर से एक पोर्टल का लोकार्पण किया गया, जिसमें नशामुक्ति से जुड़ी उपयोगी सूचनाएं साझा की गई हैं।
अभियान के समापन पर रांची के डोरंडा स्थित शौर्य सभागार में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए झारखंड की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि यह अभियान का समापन नहीं बल्कि राज्य को नशामुक्त एवं अपराधमुक्त बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर मादक पदार्थों के कारोबार और इस्तेमाल के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी पर काम हो रहा है। इसके तहत जहां नशे के सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है, वहीं युवाओं को लगातार जागरूक किया जा रहा है।
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अफीम की खेती और नशे के कारोबार ने राज्य के कई हिस्सों को अपनी चपेट में लिया है। इस बार राज्य सरकार ने तकनीक एवं बहु-विभागीय समन्वय के जरिए अफीम की खेती बड़े पैमाने पर नष्ट की है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष 27,000 एकड़ भूमि पर फैली अफीम की खेती को नष्ट किया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने भी स्वेच्छा से इस अभियान में भागीदारी की। उन्होंने कहा कि अब तक ड्रग्स के विरुद्ध कुल 350 मामले दर्ज किए गए हैं और 318 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। कार्यक्रम में जागरूकता अभियान में विशेष भूमिका निभाने वाले विभागों और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। इसके पूर्व गुरुवार सुबह रांची मोरहाबादी मैदान से अल्बर्ट एक्का चौक तक आयोजित मैराथन दौड़ में राज्य के नगर विकास एवं पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू शामिल रहे। उन्होंने प्रतिभागियों को नशे के खिलाफ शपथ दिलाई और दौड़ के विजेताओं को पुरस्कृत किया।