झारखंड: नगर निकाय चुनाव न कराए जाने पर हाईकोर्ट का सरकार को निर्देश, तीन हफ्ते में आयोग को भेजें अनुशंसा

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रांची, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में नगर निगम और नगर निकायों के चुनाव नहीं कराए जाने पर एक बार फिर कड़ी नाराजगी जताई है। इस संबंध में दायर एक अवमानना याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वे तीन हफ्ते के अंदर राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने की अनुशंसा भेजें।

जस्टिस आनंदा सेन की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव अविनाश कुमार, गृह सचिव वंदना डाडेल, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार और अपर सचिव ज्ञानेंद्र कुमार उपस्थित रहे।

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सरकार का पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि नगर निगमों और नगर निकायों में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण प्रतिशत तय न होने की वजह से चुनाव में विलंब हुआ है। आरक्षण तय करने के लिए ट्रिपल टेस्ट सर्वे की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसकी रिपोर्ट जल्द ही कैबिनेट को भेजी जाएगी। कैबिनेट से स्वीकृति के बाद राज्य सरकार चुनाव की अनुशंसा राज्य निर्वाचन आयोग को भेजेगी।

इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण की ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया के नाम पर चुनाव लंबे समय तक नहीं टाल सकती। वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने चुनाव कराने के लिए तीन माह का समय मांगा, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया।

अदालत ने आयोग को अगली सुनवाई के दौरान यह बताने का निर्देश दिया कि वह कितनी शीघ्रता से चुनाव करा सकता है। सुनवाई की अगली तारीख 10 नवंबर निर्धारित की गई है। इस दौरान मुख्य सचिव, गृह सचिव और नगर विकास सचिव को भी उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है।

बता दें कि जस्टिस आनंदा सेन की बेंच ने रांची नगर निगम की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के बाद 4 जनवरी 2024 को निर्देश दिया था कि राज्य के नगर निकाय चुनाव तीन सप्ताह के भीतर कराए जाएं। इस आदेश का आज तक अनुपालन नहीं हुआ है। इसे लेकर कोर्ट में खलखो की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई है।

झारखंड में 48 शहरी निकाय हैं। इनमें से 12 शहरी निकायों के चुनाव जून 2020 से लंबित हैं, जबकि अन्य नगर निकायों का कार्यकाल भी अप्रैल 2023 में समाप्त हो चुका है।