रांची, 19 नवंबर (आईएएनएस)। झारखंड सरकार ने जमीनी स्तर पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है। इससे सहिया, सहिया साथी, प्रखंड प्रशिक्षक दल (बीटीटी) और राज्य प्रशिक्षक दल (एसटीटी) में काम करने वाले लाभान्वित होंगे।
यह जानकारी देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि यह निर्णय उन टीमों के सम्मान का प्रतीक है, जो गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
सरकार के फैसले के अनुसार सहिया को अब एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) द्वारा दिए जा रहे 2000 रुपये मासिक मानदेय के अलावा समान राशि राज्य सरकार से भी मिलेगी, जिससे उनका कुल प्रोत्साहन भत्ता दोगुना हो गया है। यह लाभ ग्रामीण क्षेत्र की 39,964 और शहरी क्षेत्र की 3,000 सहियाओं को मिलेगा।
इसके अलावा सहिया साथी को पहले जहां 375 रुपये मासिक मानदेय मिलता था, अब उन्हें 50 रुपये प्रतिदिन दिया जाएगा। इस श्रेणी में 2,295 ग्रामीण और 125 शहरी सदस्य शामिल हैं।
प्रखंड प्रशिक्षक दल (बीटीटी) के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है। पहले उन्हें 650 रुपये मासिक दिए जाते थे, जिसे अब बढ़ाकर 80 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है।
वहीं, राज्य प्रशिक्षक दल (एसटीटी) को पहले 850 रुपये प्रति माह मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है। मानदेय बढ़ोतरी से राज्य सरकार पर कुल 10 हजार 834 लाख रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ आएगा।
मंत्री के अनुसार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में स्वास्थ्य प्रहरी कार्यक्रम के लिए अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है, जिसका सीधा लाभ राज्यभर के हजारों फील्ड स्वास्थ्य कर्मियों को मिलेगा।
स्वास्थ्य मंत्री अंसारी ने कहा कि सहिया बहनें ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। वे गर्भवती महिलाओं की देखभाल, प्रसव पूर्व सेवाओं, बच्चों के टीकाकरण, पोषण कार्यक्रमों और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में अहम भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने सहियाओं से अपील की कि बिना जरूरत मरीजों को निजी अस्पतालों में न भेजें और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दें, ताकि ग्रामीण जनता तक बेहतर और सुलभ चिकित्सा सुविधाएं पहुंच सकें।
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