रांची, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र और गुजरात से सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सभी आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाया जा रहा है, जहां उन्हें एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। एसीबी सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में गुजरात की विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विस एंड कंसल्टेंट से जुड़े विपिन जादवभाई परमार, महेश शेडगे, परेश अभेसिंह ठाकोर और विक्रम सिंह ठाकोर तथा महाराष्ट्र की मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े जगन तुकाराम देसाई, कमल जगन देसाई और शीतल जगन देसाई शामिल हैं।
इन सातों के खिलाफ जून महीने में एसीबी ने कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट हासिल किया था। एसीबी की जांच में खुलासा हुआ है कि झारखंड सरकार की ओर से शराब दुकानों के संचालन और मैनपावर सप्लाई का ठेका जिन सात अलग-अलग प्लेसमेंट कंपनियों को दिया गया था, उन्होंने टेंडर की शर्तों का उल्लंघन कर सरकार को चूना लगाया। इन कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया के बाद सरकार के पास जो बैंक गारंटी जमा की थी, वह फर्जी पाई गई।
झारखंड स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड की आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, इन सात कंपनियों ने फर्जीवाड़े के जरिये सरकार को 129.55 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। एसीबी ने इस मामले में कई राज्यों में छापेमारी की थी और अब गिरफ्तार सात आरोपी उसी नेटवर्क से जुड़े बताए जा रहे हैं। एसीबी की अब तक की जांच में शराब घोटाले की कुल राशि 150 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
इस घोटाले में पूर्व में राज्य के वरिष्ठ आईएएस विनय कुमार चौबे, रिटायर्ड आईएएस अमित प्रकाश, झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गजेंद्र सिंह, छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया और प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता को गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि, समय पर चार्जशीट दाखिल न होने के कारण सभी आरोपियों को अदालत से जमानत मिल गई थी। एसीबी अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।