देहरादून, 22 दिसंबर ( आईएएनएस)। उत्तराखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री गणेश जोशी ने मनरेगा का नाम बदलने पर विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोमवार को कहा कि इससे पहले भी योजना का नाम बदला गया था, तब केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी।
गणेश जोशी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि विपक्ष के लोग केंद्र सरकार की तरफ से मनरेगा का नाम बदलने पर आपत्ति जता रहे हैं। शायद ये लोग इस बात को भूल रहे हैं कि एक समय पहले इस योजना का नाम जवाहर योजना भी था, लेकिन कांग्रेस सरकार के दौरान ही इसका नाम बदला गया था।
ग्रामीण विकास मंत्री गणेश जोशी ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने सिर्फ योजना को मजबूत करने का काम किया है। पहले इस योजना के तहत श्रमिकों को 100 दिन का रोजगार देने का प्रावधान था, जिसे अब बढ़ाकर अब केंद्र सरकार की तरफ से 125 दिन कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इस योजना के जरिए वर्तमान में श्रमिकों के हितों को केंद्र में ही रखने की कोशिश की है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि श्रमिकों के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाए।
उत्तराखंड सरकार में मंत्री ने कहा कि किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए हमने इस योजना के तहत अन्नदाताओं को 60 दिनों तक दूर करने का भी प्रयास किया है। प्रमुख रूप से इस योजना को मजबूत करना हमारा लक्ष्य था। इसी दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है। इस दिशा में अभी तक हमारी सरकार ने किसी भी प्रकार की कोताही स्वीकार नहीं की है और न ही आगे करेगी।
केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना का नाम बदलकर ‘जी राम जी’ कर दिया है। इसके तहत अब श्रमिकों को 100 दिन की जगह 125 दिनों तक रोजगार देने का प्रावधान किया गया है।
विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर महात्मा गांधी के प्रति अपनी कटुता जाहिर की है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

