ढाका, 12 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में चुनावी सुगबुगाहट के बीच हिंसा और विरोध प्रदर्शन जारी है। मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने जिन पार्टियों के साथ मिलकर शेख हसीना सरकार का तख्तापलट किया था, आज वे वहीं आपस में भिड़ते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश अवामी लीग (एएल) पार्टी ने ढाका लॉकडाउन का ऐलान किया है, जिसे लेकर हलचल पैदा हो गई है।
दरअसल, यूनुस सरकार ने प्राइमरी स्कूल में संगीत और पीटी के शिक्षकों की नियुक्ति की योजना रद्द कर दी। इसे लेकर बांग्लादेश के कई यूनिवर्सिटी के टीचर-स्टूडेंट विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यूनुस सरकार इस्लामिक समूहों के आगे झुक गई है, जो संगीत को गैर-इस्लामिक मानते हैं।
तख्तापलट के दौरान जिन समूहों ने यूनुस का समर्थन किया था, आज वही उसके खिलाफ खड़े हैं। लोगों का कहना है कि यूनुस सरकार कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों के आगे झुक गई है।
इससे पहले देशभर में शिक्षकों ने 11वीं ग्रेड के वेतन को लेकर बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन किया। देशभर के स्कूलों में पढ़ाई ठप रही और शिक्षकों का प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान बांग्लादेश की पुलिस ने उन प्रदर्शनकारी शिक्षकों के ऊपर लाठी और डंडे भी बरसाए।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की बांग्लादेश अवामी लीग (एएल) पार्टी द्वारा गुरुवार को ढाका लॉकडाउन की योजना बनाई गई है। बांग्लादेश में अधिकारियों ने संभावित विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए देश में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने मंगलवार को कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल अब देश में अधिक गश्त कर रहे हैं। महत्वपूर्ण सरकारी भवनों की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। बांग्लादेश अवामी लीग (एएल) पार्टी के कार्यक्रम को लेकर कोई आशंका नहीं है।
लॉकडाउन की खबरें ऐसे समय में आई हैं, जब बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण गुरुवार को शेख हसीना और उनके कई शीर्ष सहयोगियों के लिए फैसले की तारीख तय कर सकती है।
एएल समर्थकों ने सोमवार को बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे। ढाका के निवासियों में डर का माहौल है। शहर के कुछ हिस्सों में बसों में आग लगाने और बम विस्फोटों की खबरें भी सामने आई हैं।

