धारवाड़, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक सरकार द्वारा राज्यभर के सरकारी आदर्श विद्यालयों को द्वितीय वर्ष प्री-यूनिवर्सिटी (पीयूसी) स्तर तक उन्नत कर दिया गया है। नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 से अंग्रेजी माध्यम में वाणिज्य और विज्ञान की कक्षाएं भी शुरू हो चुकी हैं। हालांकि, इन विद्यालयों में कार्यरत गेस्ट लेक्चरर चार महीने से वेतन न मिलने के कारण कठिनाई झेल रहे हैं।
कक्षा 6 से 10 तक संचालित रहे सरकारी आदर्श विद्यालयों को निजी संस्थानों जैसी सुविधाओं और उत्कृष्ट शिक्षकों से सुसज्जित किया गया था। इन स्कूलों के छात्रों ने लगातार अच्छे एसएसएलसी परिणाम हासिल किए हैं। इन्हीं भवनों और संसाधनों का उपयोग करते हुए अब इन्हें पीयूसी स्तर तक विस्तारित किया गया है।
सरकार ने इन विद्यालयों में अध्यापन के लिए गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति की है, लेकिन उनका पारिश्रमिक अब तक जारी नहीं हुआ है। इस मुद्दे पर हाल ही में आयोजित एक गूगल मीट में संबंधित अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि बकाया वेतन अक्टूबर के अंत तक जारी कर दिया जाएगा।
धारवाड़ स्थित राजकीय आदर्श विद्यालय में नौ गेस्ट लेक्चरर कार्यरत हैं। प्राचार्य प्रो. नंदीश काखंडिकी ने बताया कि सभी को आश्वासन दिया गया है कि अक्टूबर तक उनका वेतन उनके खाते में जमा कर दिया जाएगा।
सरकार ने गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति के लिए एमए और बीएड योग्यता अनिवार्य कर दी है और 14 हजार प्रतिमाह मानदेय निर्धारित किया है। राज्यभर में वर्तमान में 74 आदर्श पीयू महाविद्यालयों में 814 गेस्ट लेक्चरर कार्यरत हैं। भर्ती प्रक्रिया में शिक्षण अनुभव को ध्यान में रखा गया और प्रदर्शन कक्षाएं भी शामिल की गईं।
इनमें से कई गेस्ट लेक्चरर, जो पहले दो-तीन निजी कॉलेजों में एक साथ काम कर रहे थे, अब आदर्श विद्यालयों में नौकरी छोड़कर चले गए हैं, जहां वे अब हफ्ते में छह दिन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक काम करते हैं।
पिछले चार महीनों से लगातार काम करने के बावजूद इन अतिथि व्याख्याताओं को वेतन नहीं मिला है। सरकार को चाहिए कि इस दीपावली अतिथि व्याख्याताओं का बकाया भुगतान जारी करके उनके जीवन में खुशियां लाएं।