नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। कर्तव्य पथ पर रविवार को जेएनयू के छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान छात्रों ने पुलिस पर मिर्च पाउडर फेंक दिया, जिससे कई पुलिस वाले घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में कई छात्रों को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए छह छात्रों को सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने पांच छात्रों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं, एक छात्र को सेफ हाउस में रखने का आदेश दिया गया।
दरअसल, हिरासत में लिए गए छह आरोपियों में से एक आरोपी ने खुद के नाबालिग होने का दावा किया, जिस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि इस आरोपी की उम्र स्पष्ट होने तक उसे सेफ हाउस में रखा जाएगा।
वहीं, गिरफ्तार आरोपियों में से एक प्रकाश ने जमानत याचिका भी दाखिल की है। कोर्ट में बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने प्रदर्शन वाले दिन का एक वीडियो दिखाया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों पर मिर्च पाउडर का इस्तेमाल किया। ये लोग तो प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन करने आए थे, पूरी तैयारी के साथ आए थे। हमने इन्हें चार बार रोका, लेकिन ये नहीं माने।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान नक्सलियों के समर्थन में भी नारे लगाए गए। ऐसे में सवाल उठता है कि जब प्रदर्शन प्रदूषण पर था, इसमें नक्सलियों से जुड़े नारे क्यों लगाए जाने लगे?
पुलिस ने आगे कहा कि जब हमें इनकी हिरासत मिलेगी, तभी नक्सलियों से इनका लिंक पता चलेगा। हम आमने-सामने बैठकर पूछताछ करेंगे। हिरासत में किसी के साथ कोई मारपीट नहीं होगी, ऐसा होना ही नामुमकिन है। अभी जांच तो बस शुरुआती दौर में है, ज्यादा कुछ पता नहीं चला है।
वहीं, आरोपियों के वकील ने कहा कि ये पढ़े-लिखे बच्चे हैं, इन्होंने अपनी समझ से प्रदूषण को जल, जंगल और जमीन से जोड़ा है। ये कोई अपराधी थोड़े हैं, फिर इनके साथ ऐसा बर्ताव क्यों?
वकील ने कहा कि एफआईआर में कहीं नक्सलवाद का जिक्र तक नहीं है।

