कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर के खिलाफ मानहानि का मामला, आगरा कोर्ट ने जारी किया नोटिस

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आगरा, 28 जून (आईएएनएस)। प्रसिद्ध कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया है। आगरा की एसीजेएम-10 कोर्ट ने उन्हें 9 जुलाई को अदालत में हाजिर होने का नोटिस जारी किया है।

देवकी नंदन ठाकुर के खिलाफ दर्ज मानहानि का मामला वाराणसी में उनके द्वारा कही गई एक कथा से जुड़ा हुआ है। 2 दिसंबर 2024 को वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित एक कथा के दौरान देवकीनंदन ठाकुर ने भारत विभाजन और कश्मीरी ब्राह्मणों के नरसंहार के लिए ‘जयचंदों’ को दोषी ठहराया था। देवकी नंदन ने कहा था कि जयचंदों के कारण सनातन धर्म को खतरा है और उनके कारण ही पाकिस्तान का निर्माण हुआ।

प्रसिद्ध कथावाचक के इस बयान को अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने मानहानिकारक बताते हुए आगरा की सिविल जज (जूनियर डिवीजन) प्रथम की अदालत में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का परिवाद दायर किया। अधिवक्ता ने कहा कि जयचंद, जो कन्नौज के राजा थे, को गद्दार कहने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ठाकुर का यह बयान क्षत्रिय समाज के लिए अपमानजनक है और इससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। परिवाद में यह भी उल्लेख किया गया कि भारत विभाजन और कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार धर्म आधारित था और इसके लिए जयचंद को दोषी ठहराना गलत है।

इस मामले में देवकी नंदन ठाकुर को पहले भी कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण एसीजेएम-10 की अदालत ने अब नोटिस जारी कर उन्हें 9 जुलाई को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है।

यह पहला मौका नहीं है जब देवकीनंदन नंदन ठाकुर अपने बयानों के कारण विवादों में घिरे हैं। इससे पहले भी जनसंख्या नियंत्रण और वक्फ बोर्ड को लेकर की गई टिप्पणियों की वजह से वह विवादों में रहे हैं। हाल ही में उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट से कठोर कार्रवाई की मांग की थी।