केरल: निकाय चुनाव से पहले कल्याण योजनाओं की घोषणा पर विपक्ष का हमला, 1 लाख करोड़ रुपए बकाया होने का आरोप

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परवूर (एर्नाकुलम), 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल में स्थानीय निकाय चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार द्वारा प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा पर विपक्ष ने जोरदार हमला बोला है। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के नेता और विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने कहा कि ये घोषणाएं सरकार की नाकामी को छिपाने का प्रयास हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनभोगियों का लगभग 1 लाख करोड़ रुपए बकाया है, लेकिन बिना इनका भुगतान किए नई योजनाओं का ऐलान कर दिया गया है।

सतीशन ने परवूर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलडीएफ सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “यह पहली बार है, जब केरल के इतिहास में इतना बड़ा बकाया जमा हो गया है। 2021 के चुनावी घोषणापत्र में एलडीएफ ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 1,600 से बढ़ाकर 2,500 रुपए करने का वादा किया था, लेकिन चार साल बाद केवल 400 रुपए की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया।”

उन्होंने कल्याण निधि में 2,500 करोड़ रुपये के बकाए का जिक्र किया, जो अब तक नहीं दिए गए। भवन निर्माण श्रमिकों की कल्याणकारी पेंशन 18-19 महीनों से लंबित है, जो राज्य में पहली बार हो रहा है। आंगनबाड़ी शिक्षकों की पेंशन भी अटकी हुई है। सतीशन ने करुणा निधि योजना के तहत अस्पतालों को 1,800 करोड़ रुपए देने के बकाए का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, “अब तो नौबत यहां तक आ गई है कि अस्पतालों से शल्य चिकित्सा उपकरण छीन लिए गए हैं। दवाइयां वितरित नहीं हो रही हैं। यह लोगों का मजाक उड़ाने जैसा है।”

महंगाई भत्ता (डीए) पर भी सतीशन ने तंज कसा। उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनभोगियों का छह मासिक डीए बकाया है। उन्होंने कहा कि केरल के इतिहास में कभी इतना लंबा बकाया नहीं देखा गया। ऊपर से केरल में देश में सबसे ज्यादा मुद्रास्फीति दर है, जो आम आदमी को और परेशान कर रही है।”

सतीशन ने एलडीएफ पर 2021 के वादों को पूरा न करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार मेगा इवेंट्स पर करोड़ों खर्च कर रही है, लेकिन कल्याणकारी योजनाओं को नजरअंदाज कर दिया।