नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। जमीयत-उलेमा-हिंद के प्रमुख मौलाना मदनी ने जिहाद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने देश के कई राजनेताओं और राजनीतिक पार्टी के शीर्ष नेताओं पर ‘जिहाद’ शब्द को बदनाम करने का आरोप लगाया।
मौलाना मदनी ने ‘जिहाद’ को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने कहा, “हम जिहाद करते रहेंगे। हम 30 साल से करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हम इस बात का विरोध करते हैं और सख्त आपत्ति जताते हैं कि केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और एक खास राजनीतिक पार्टी के सीनियर नेता भी लगातार ‘जिहाद’ शब्द का प्रयोग करके गालियां बकते हैं और इस्लाम को बदनाम करने और गाली देने का मौका तलाशते हैं। हम इसका सख्त विरोध करते हैं।”
उन्होंने लालकिले के पास हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “लालकिले के पास और उसके पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले की हमने तुरंत सख्त निंदा की थी और हिंसा का पुरजोर विरोध किया है। यह इंसानियत पर हमला तो है ही, लेकिन अगर इसको करने के लिए इस्लाम और जिहाद का नाम लिया जा रहा है, तो असल में यह हमला इस्लाम के खिलाफ भी है। सभी भारतवासियों को एक तकलीफ है कि बेकसूर इंसान मारे गए हैं और दहशत फैलाई गई है, लेकिन हमें दोगुनी तकलीफ है।”
मदनी ने कहा, “देश के आम नागरिकों का हताहत होना एक तकलीफ है। इसके अलावा हमें एक तकलीफ और है कि हमारे धर्म के नाम का उपयोग किया गया, तो यह हमारे धर्म पर भी हमला है। इसलिए ऐसी घटनाओं का विरोध करना हमारे लिए और भी जरूरी है। हम 30 साल से इन घटनाओं का विरोध करते आ रहे हैं। असल जिहाद तो हम कर रहे हैं। किसी ने पूछा था कि आतंकवाद और जिहाद में क्या अंतर है? जवाब देने वाले ने बताया कि आतंकवाद का विरोध करना और उसे खत्म करने के लिए लड़ना ही जिहाद है, जो हम कर रहे हैं।”
उन्होंने कांग्रेस के मुसलमानों की हितैषी पार्टी के सवाल पर कहा, “किसी भी मेनस्ट्रीम पार्टी से यह उम्मीद करना कि वह सिर्फ मुसलमानों के लिए लड़े और उनके लिए मुद्दे उठाए, तो मैं ऐसी उम्मीद नहीं करना चाहता हूं। वह अभी अपने ही मुद्दे नहीं उठा पा रहे हैं, तो हमारे मुद्दे क्या उठाएंगे?”

