भोपाल / 29 अक्टूबर/ मध्य प्रदेश की राजनीति में सनसनी मच गई है। संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष और बालाघट जिले के लांजी विधानसभा के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ऐसा पत्र लिखा है, जिसने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। समरीते ने पत्र में कहा है कि वे पूरी मध्य प्रदेश सरकार को 11 लाख करोड़ रुपये में 3 साल के लिए लीज पर लेने को तैयार हैं। यह प्रस्ताव, एक तरह से प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध की घोषणा माना जा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा – “जब खनन माफिया पूरे प्रदेश को लूट सकता है, तो क्यों न मैं पूरी सरकार को ही लीज पर लेकर पारदर्शी तरीके से काम करूं?”
किशोर समरीते ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि वे 11 लाख करोड़ रुपये की यह राशि तीन वर्षों की अवधि के लिए देंगे और इस अवधि में प्रदेश का पूरा प्रशासनिक प्रबंधन, विकास कार्य और कर्ज की अदायगी की जिम्मेदारी स्वयं उठाएंगे। उन्होंने पात्र में लिखा, “मैं इस राशि का प्रबंधन विदेशी निवेशकों, एनआरआई फंडिंग और देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के सहयोग से करूंगा।”
समरीते ने पत्र में लिखा कि प्रदेश में खनन माफिया, अधिकारी और राजनेता मिलकर जनता को लूट रहे हैं। उन्होंने लिखा, “आज मध्य प्रदेश की हालत यह है कि खनन माफिया ने पूरे प्रदेश पर कब्जा जमा रखा है। अधिकारी और राजनेता मिलकर जनता के हक का धन डकार रहे हैं।”
पत्र में उन्होंने बालाघाट जिले के कई गंभीर मामलों की ओर भी ध्यान दिलाया।
जगंतोला खदान घोटाला: “श्री कृष्णा माइनिंग एंड ट्रेडिंग सिंडिकेट ने जाली दस्तावेजों के सहारे 20 साल के पट्टे को 50 साल तक बढ़ा लिया।”
MPPCB की मिलीभगत: “प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 21 जनवरी 2025 की भविष्य की तारीख डालकर कंसेंट ऑर्डर जारी किया, जो प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाता है।”
स्थानीय शोषण: “किसानों और आदिवासियों की जमीन बिना उचित मुआवजे के छीनी जा रही है। खनन से हो रहे प्रदूषण ने जीवन दूभर कर दिया है।”
समरीते ने कई तकनीकी अनियमितताओं की सूची और सम्बंधित दस्तावेज भी दिए हैं :
– दस्तावेजों में तारीखों की हेराफेरी
– पर्यावरण मानकों का खुला उल्लंघन
– खनन पट्टों का अवैध विस्तार
– अधिकारियों और कंपनियों के बीच गठजोड़
समरीते ने अपने प्रस्ताव को आर्थिक दृष्टि से व्यवहारिक बताते हुए कहा, “जब एक खनन कंपनी हजारों करोड़ का मुनाफा कमा सकती है, तो पूरे प्रदेश का प्रबंधन संभालने पर 11 लाख करोड़ का प्रबंधन कोई असंभव कार्य नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे राज्य पर जो लाखों करोड़ का कर्ज है उसे पूरा चुकाने की गारंटी देते हैं।
समरीते ने दावा किया कि यदि उनका प्रस्ताव स्वीकार किया गया, तो वे हर रुपये का हिसाब जनता के सामने रखेंगे। उनहोंने पत्र में लिखा, “मेरी सरकार पूरी तरह पारदर्शी होगी। भ्रष्टाचार का एक भी पैसा छुपाया नहीं जाएगा।”
समरीते के इस “लीज प्रस्ताव” ने मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। किशोर समरीते ने अपने पत्र में केंद्र सरकार से निम्नलिखित कार्रवाई की मांग की है :
– मध्य प्रदेश के खनन घोटालों की CBI जांच
– भ्रष्ट अधिकारियों और राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई
– श्री कृष्णा माइनिंग का पट्टा रद्द किया जाए
– प्रभावित किसानों और आदिवासियों को मुआवजा दिया जाए
किशोर समृति का यह प्रस्ताव कोई मजाकिया बयान नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रतिरोध का प्रतीक माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि किशोर समरीते ने जो पत्र प्रधानमन्त्री को लिखा है उसे मीडिया को भी जारी किया है. इस पत्र में मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कई आरोपों से सम्बंधित दस्तावेजों को भी पत्र के साथ संलग्न किया गया है.


