भोपाल, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश में कृषि विषय से स्नातक करने के इच्छुक छात्रों के लिए यह अच्छी खबर है, क्योंकि अब कृषि विश्वविद्यालय में 20 प्रतिशत स्थान इंडियन कौंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) के जरिए भरे जाएंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने लंबे अरसे से ये समस्याएं आ रही थीं। इसी के आधार पर उन्होंने यह फैसला लिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि एग्रीकल्चर एजुकेशन से संबंधित एक महत्वपूर्ण विषय है जिसमें एग्रीकल्चर एजुकेशन की चाह रखने वाले विद्यार्थियों को बड़ी परेशानी होती थी। उसके समाधान का रास्ता खोजा गया है। बीएससी एग्रीकल्चर में प्रवेश में कुछ वर्षों से एक बड़ी समस्या आ रही थी। स्कूल शिक्षा में कृषि के छात्रों के सामने थी अपात्रता की समस्या।
उन्होंने कहा कि 12वीं में अलग-अलग विषय संयोजन एग्रीकल्चर, बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिज़िक्स, मैथ्स तथा अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग नियमों के कारण, अलग-अलग पात्रता के कारण कई योग्य छात्र और छात्राएं, जो एग्रीकल्चर, बीएससी एग्रीकल्चर की शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे, वो पिछड़ जाते थे।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ दिनों से विद्यार्थियों और उनके परिजनों ने अलग-अलग माध्यमों से अपनी ये चिंता व्यक्त की थी। सोशल मीडिया पर भी विद्यार्थियों ने अपनी पीड़ा जाहिर की थी और कुछ लोगों ने भी अपनी इस चिंता को बताया था। इसके बाद मैंने डायरेक्टर जनरल आईसीएआर और उनकी टीम को ये निर्देश दिया कि इस समस्या का समाधान अत्यंत आवश्यक है ताकि कृषि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थी अनावश्यक रूप से न पिछड़ें। उन्होंने यूनिवर्सिटी और उनके बेसिस से चर्चा करके इस समस्या का समाधान निकाला है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईसीएआर की टीम द्वारा दिए गए निष्कर्ष के आधार पर कहा है कि देश में जितने भी कृषि विश्वविद्यालय हैं, क्योंकि सेंट्रल यूनिवर्सिटी तो तीन हैं, बाकी राज्य सरकारें एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी चलाती हैं। उन सभी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में 20 प्रतिशत जो स्नातक की सीटें हैं, वो आईसीएआर द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से भरी जाएंगी और कृषि विद्यार्थी को बड़ी राहत मिलेगी।