‘कुछ ऐसा हुआ जिसे छिपाने की कोशिश हो रही,’ इमरान के बेटे कासिम ने पिता की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई

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नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर उनके परिवार का संदेह गहराता नजर आ रहा है। अफगानिस्तान के दावे के बाद से इमरान खान की कथित हत्या का मामला तूल पकड़ रहा है। इस बीच इमरान खान के बेटे कासिम खान ने अपने पिता की हालत को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है।

पाकिस्तानी मीडिया डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक और अध्यक्ष इमरान खान के बेटे कासिम खान को डर है कि जेल के अधिकारी उनके पिता की हालत के बारे में कुछ ऐसा छिपा रहे हैं जो ठीक नहीं हो सकता।

जेल में बंद पीटीआई चीफ से मुलाकात करने के लिए इमरान खान की बहनों ने अदियाला जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इमरान खान को बीते तीन हफ्ते से ज्यादा समय से किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है।

उन्होंने लिखकर कहा, “यह न जानना कि आपके पिता सुरक्षित हैं, घायल हैं या जिंदा भी हैं, एक तरह की मानसिक प्रताड़ना है। कुछ महीनों से कोई व्यक्तिगत बातचीत नहीं हुई है। आज हमारे पास उनकी हालत के बारे में कोई सत्यापित की जा सकने वाली जानकारी नहीं है। हमारा सबसे बड़ा डर यह है कि हमसे कुछ ऐसा छिपाया जा रहा है जिसे ठीक नहीं किया जा सकता।”

उन्होंने आगे कहा कि परिवार ने बार-बार इमरान के पर्सनल फिजिशियन से मिलने की इजाजत मांगी है। एक साल से ज्यादा समय से उनके पर्सनल फिजिशियन से उनकी जांच कराने की इजाजत नहीं दी गई है।

डॉन के अनुसार, नाम न बताने की शर्त पर एक जेल अधिकारी ने बताया कि इमरान की सेहत ठीक है, और उन्हें ज्यादा सुरक्षा वाली जगह पर शिफ्ट करने के किसी प्लान के बारे में पता नहीं है। इस मामले में रॉयटर्स ने प्रतिक्रिया मांगी, लेकिन गृह मंत्रालय की ओर से कोई जवाब सामने नहीं आया है।

बता दें कि 72 साल के पूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान खान अगस्त 2023 से ही जेल में हैं। उन्हें कई मामलों में दोषी ठहराया गया है। हालांकि, इमरान खान का कहना है कि 2022 में अविश्वास प्रस्ताव में उन्हें हटाए जाने के बाद ये मामले राजनीति से प्रेरित थे।

उन्हें पहली बार तोशखाना मामले में दोषी ठहराया गया था, और यह आरोप था कि उन्होंने बतौर पीएम मिले तोहफों को गैर-कानूनी तरीके से बेचा। इमरान खान को साइफर मामले में 10 साल और अल कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में 14 साल की सजा सुनाई गई है। पीटीआई ने आरोप लगाया है कि इमरान के खिलाफ मामलों में अभियोजक का मकसद उन्हें 2024 में होने वाले चुनावों से बाहर करना था।