‘गणपति की कृपा ही सब कुछ’, लालबागचा राजा के दर्शन के बाद भावुक हुए श्रद्धालु

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मुंबई, 27 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के लालबागचा राजा के दर्शन करने पहुंचे लोगों ने खुशी जाहिर की। श्रद्धालुओं ने नम आंखों समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में गणपति बप्पा की कृपा को अपनी जिंदगी में याद किया।

उन्होंने कहा कि अगर उनकी जिंदगी में खुशी की बयार बह रही है, तो यह सब कुछ गणपति बप्पा की वजह से ही संभव हो पा रहा है। उनके बिना हम कुछ नहीं हैं। एक श्रद्धालु ने बताया कि मेरी बेटी को पुलिस में जाना था। मैंने प्रार्थना की और आप चमत्कार देखिए कि आज मेरी बेटी पुलिस की ट्रेनिंग कर रही है और मुझे क्या चाहिए। गणपति बप्पा की कृपा की वजह से ही आज हम यहां पर हैं। हम उनके बिना कुछ भी नहीं हैं। हम उनके बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

वहीं, एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि हम हर साल लालबागचा राजा का दर्शन करने के लिए आते हैं। वो ही हमारी जिंदगी के आधार हैं। अगर आज हमारी जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा है, तो यह सब उन्हीं की कृपा है।

इस बीच, अपनी बात बताते हुए महिला श्रद्धालु भावुक भी हो गई और कहने लगी कि मैं उनकी महानता को शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं।

एक अन्य महिला श्रद्धालु ने भी गणेश जी की कृपा को याद किया। उन्होंने कहा कि मुझे यहां आकर जिस तरह से आनंद की अनुभूति प्राप्त हो रही है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। यहां आने के बाद मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है। मैं यहां पर पहली बार आई हूं। उन्हें देखने के बाद मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। मुझे यहां पर दैवीय आनंद की अनुभूति प्राप्त हो रही है।

वहीं, एक बच्चे ने लालबागचा राजा के दर्शन के बाद अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यहां आकर मुझे अच्छा लग रहा है। खासकर यहां की तैयारी देखने के बाद मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है।

एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि हम यहां पर 10-12 साल से यहां पर आ रहे हैं। मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। सभी की मन्नत पूरी हो, यही मेरी प्रार्थना है।

बता दें कि लालबागचा राजा मुंबई के लालबाग क्षेत्र में स्थित एक प्रसिद्ध गणेश मंडल है, जिसे “मुंबई का राजा” कहा जाता है। 1934 में स्थापित, यह गणेश चतुर्थी का सबसे भव्य उत्सव है। यहां की गणेश मूर्ति, जिसे “नवसाचा गणपति” माना जाता है, लाखों भक्तों को आकर्षित करती है। भक्तों का विश्वास है कि यहां मन्नत मांगने से इच्छाएं पूरी होती हैं। हर साल भव्य सजावट और थीम के साथ मूर्ति स्थापित होती है। अनंत चतुर्दशी पर विशाल जुलूस के साथ विसर्जन होता है। मंडल सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय है।