नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)। आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल कुमार शास्त्री ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध स्वीकार्य नहीं है। इससे पहले हाल ही में इमरजेंसी को राहुल गांधी ने भी गलत बताया था।
कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल कुमार शास्त्री ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा, “मुझे याद है कि मैं 25 जून 1975 को मुंबई में काम करने वाला एक युवा था। अगले दिन, मैंने देखा कि विरोध के तौर पर एक निजी अखबार का संपादकीय कॉलम खाली था। यहां तक कि राहुल गांधी ने भी हाल ही में स्वीकार किया कि आपातकाल गलत था। लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई भी प्रतिबंध अस्वीकार्य है।”
केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि आज के समय अघोषित आपातकाल चल रहा है। अगर कोई भी सरकार के खिलाफ बोलता है तो जांच एजेंसियाें को लगा दिया जाता है।
आपातकाल के दौर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 1975 में जब आपातकाल की घोषणा की गई तो जनमानस को यह अच्छा नहीं लगा, इसीलिए 1977 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी हार गई। इस दौरान इंदिरा गांधी भी अपनी रायबरेली की सीट नहीं बचा पाईं। लेकिन, जनता पार्टी के कुशासन की वजह से जनता को अहसास हुआ कि देश को कांग्रेस पार्टी की सरकार ही चला सकती है।
उन्होंने कहा कि तीन साल बाद 1980 और 84 में कांग्रेस पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला, 2004 से 2014 तक कांग्रेस पार्टी की सरकार रही। लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक अच्छी बात यह है कि जनता का गुस्सा क्षणिक होता है। जनता हर बार अपनी गलती को सुधारती है।
भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा अपने कुशासन से जनता का ध्यान हटाने के लिए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ मना रही है। कुशासन की वजह सरकार की योजनाएं सफल नहीं रही हैं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी को प्राइम एसेट ऑफ इंडिया बताया इस पर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि थरूर का बयान उनका व्यक्तिगत है। मोदी सरकार की विदेश नीति की तारीफ करना उनकी अपनी सोच हो सकती है। पीएम की सराहना के साथ ही थरूर को नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दों पर भी बोलना चाहिए। थरूर पर कार्रवाई करनी है या नहीं यह हाईकमान तय करेगा।